लखनऊ - “क्षय रोग (टीबी) एवं महिला स्वास्थ्य” विषय पर ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट ऑफ़ मदर चाइल्ड के जीत प्रोजेक्ट एवं इंडियन सोसायटी ऑफ़ पेरिनेटोलोजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलोजी (आईएसओपीएआरबी) के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को एक होटल में सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनिल कुमार चौधरी ने की | डा. चौधरी ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम और क्षय रोग उन्मूलन के लिए विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी |
इस मौके पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रसूति रोग विभाग की पूर्व अध्यक्ष डा. विनीता दास ने जेनाईटल टीबी के निदान एवं प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों एवं उनके निराकरण पर जानकारी दी |
इस अवसर पर क्वीन मेरी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा. एस.पी.जैसवार ने क्षय रोग और गर्भावस्था विषय पर प्रकाश डालते हुए गर्भावस्था के दौरान क्षय रोग के खतरे, रोग की पहचान, प्रबंधन , निदान और उपचार पर विस्तार से जानकारी दी |
इस अवसर पर विवेकानंद अस्पताल व चिकित्सा विज्ञान संस्थान की वरिष्ठ कंसल्टेंट डा. वैशाली जैन ने निजी क्षेत्रों में इलाज करा रहे प्रत्येक जेनाईटल टीबी रोगियों के लिए नोटिफिकेशन के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए निक्षय पोषण योजना पर विस्तार से चर्चा की |
इस मौके पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के रामजी वर्मा, फहीम अहमद, विश्व स्वास्थ्य संगठन की कंसल्टेंट डा. अपर्णा चौधरी, सेंटर ऑफ़ हेल्थ रिसर्च एंड इनोवेशन(सीएचआरआई) के राज्य ऑपरेशन मैनेजर शैलेन्द्र उपाध्याय, डा. सारिका अग्रवाल, आईएसओपीएआरबी चैप्टर लखनऊ की अध्यक्ष डा.उमा सिंह, डा. सीमा अग्रवाल, वरिष्ठ प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा.चन्द्रावती, डा. प्रीति कुमार, डा. रुखसाना खान, ममता संस्था के सहायक निदेशक डा. इमरान खान,जीत प्रोजेक्ट के ऑपरेशन लीड सुभाष श्रीवास्तव, राजन सुनील नायर, जीत प्रोजेक्ट के फील्ड ऑफिसर अश्विनी मिश्रा, अब्दुल कादिर और फाईनेन्स सहायक शुभम गुप्ता उपस्थित थे |