एकांत में न रहें, अनावश्यक न लेटें,हो जाएगा डिप्रेशन दूर



  • विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हुई कार्यशाला में बोले प्रोफेसर कृष्ण दत्त
  • कहा-दोस्त बनाएं, हाबी पैदा करें अपने अंदर

लखनऊ - अगर आपको डिप्रेशन या टेंशन है तो कभी एकांत में न रहें और जब तक सोना नहीं हो तब तक लेटें नहीं। ये दोनों काम करके आप काफी हद तक अपना डिप्रेशन दूर कर सकते हैं। यह कहना था एरा विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर कृष्ण दत्त का। वह रविवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर बलरामपुर अस्पताल सभागार में हुई कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

डॉ. कृष्ण दत्त केजीएमयू में वरिष्ठ प्रोफेसर रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति को डिप्रेशन होता है वह खुदकुशी नहीं करता लेकिन जब वह ठीक हो जाता है तो आत्महत्या करने की सोचता है। प्रोफेसर कृष्ण दत्त के मुताबिक हमें दोस्त बनाने चाहिए जिनसे सभी तरह की बातें शेयर कर सकें। इसके अलावा कोई न कोई शौक होना चाहिए जो खाली समय में पूरा कर सकें।

कार्य़शाला में मौजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र से लेकर प्रदेश सरकार तक मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। हम सबको भी अपने अगल-बगल मानसिक स्वास्थ्य के लक्षणों से ग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद समाजसेवियों व एनजीओ वर्कर से अपना योगदान आगे भी जारी रखने का अनुरोध किया।
 
इससे पहले क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट डॉ आशुतोष श्रीवास्तव ने विभिन्न मानसिक विकारों के बारे में विस्तार से बात की। कार्यशाला में बलरामपुर अस्पताल के  मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. देवाशीष शुक्ला और मनोरोग चिकित्सक डॉ अभय सिंह ने भी अपनी बात रखी।

अंत में एसीएमओ डा. राजेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में जिला मानसिक प्रकोष्ठ और जिला मानसिक क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है, जहां पर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श की सुविधा के साथ इलाज की भी व्यवस्था है । इसके अलावा मनकक्ष की भी स्थापना की गई है, जहाँ पर प्रशिक्षित काउंसलर्स लोगों की समस्याओं का समुचित समाधान करते हैं ।
कार्यक्रम में बलरामपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिमांशु चतुर्वेदी, डॉ. एसी सक्सेना,जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, बलरामपुर अस्पताल के अधिकारी, कर्मचारी, नर्सिंग कॉलेज के छात्र छात्राएं समेत मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थानों और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।