प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर सेमिनार व समारोह आयोजित



  • डॉ. सत्येन्द्र मिश्र ने प्रदेश में प्राकृतिक चिकित्सा की स्थिति पर प्रकाश डाला
  • डा. केशव प्रसाद व डा. मदन मोहन ‘नेचुरोपैथी रत्न’ अलंकरण से सम्मानित

लखनऊ -  राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर वृहस्पतिवार को कंचनकाया प्राकृतिक चिकित्सालय एवं योग केंद्र पर सेमिनार और प्राकृतिक चिकित्सा दिवस समारोह का आयोजन किया गया । केंद्र के संचालक व संस्थापक डा. सत्येंद्र मिश्र व वंदना मिश्र ने उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक चिकित्सा की स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. केशव प्रसाद श्रीवास्तव तथा मुख्य वक्ता वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. मदन मोहन पांडे रहे ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्कूटर इंडिया लिमिटेड लखनऊ के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉ.  सुरेंद्र कुमार सक्सेना ने आध्यात्मिक गुरु तथा भाग्य मंदिर के संस्थापक आचार्य सौरभ दीक्षित के आशीर्वाद से विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया । इस अवसर पर डॉ. सत्येंद्र मिश्र ने उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक चिकित्सा की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1970 से प्राकृतिक चिकित्सा को प्रदेश द्वारा मान्य चिकित्सा पद्धति के रूप में घोषित किया गया है । इसके लिए प्राकृतिक चिकित्सकों की नियुक्ति और प्राकृतिक चिकित्सालय खोलने की जरूरत है । इस बारे में सरकार को अवगत कराने की जरूरत है । डॉ. मदन मोहन पांडे ने वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के रूप में घोषित करने के लिए आभार प्रकट किया और इस चौथे प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर उत्तर प्रदेश में उपस्थित सारे संसाधनों की चर्चा करते हुए पद्धति के विकास की रूपरेखा को स्पष्ट किया । उन्होंने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा एक निरापद, औषधि विहीन, दुष्प्रभाव रहित, बिना लागत की चिकित्सा पद्धति है । इसके प्रचार-प्रसार से जहां प्रदेश की जनता में एक ओर स्वास्थ्य एवं समृद्धि की वृद्धि होगी वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा चिकित्सा के लिए खर्च की जा रही बड़ी रकम भी बचेगी । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. के पी श्रीवास्तव ने अपने प्राकृतिक चिकित्सा अनुभवों को युवा प्राकृतिक चिकित्सकों के समक्ष रखते हुए प्राकृतिक चिकित्सा में आने वाली कठिनाइयों और प्राकृतिक चिकित्सा की विशेषताओं को उनके सामने रखकर उनका मार्गदर्शन किया । ज्ञात हो कि प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में लखनऊ शहर में डॉ. के पी श्रीवास्तव ने अपना पूरा जीवन समर्पित किया है और प्राकृतिक चिकित्सा की पहचान लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया है । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ सुरेंद्र कुमार सक्सेना ने उपस्थित जनसमूह के उत्साह को देखते हुए प्राकृतिक चिकित्सा की लोकप्रियता और प्रभाविता पर अपनी बात रखी । उन्होंने लोगों को इस चिकित्सा पद्धति को अपनाकर अपने जीवन को रोग मुक्त रखने की सलाह दी ।

इस मौके पर डा. केशव प्रसाद व डा. मदन मोहन पाण्डेय को ‘नेचुरोपैथी रत्न’ अलंकरण से सम्मानित किया गया । इसके अलावा उन युवा प्राकृतिक चिकित्सकों को प्राकृतिक चिकित्सा अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया, जो प्राकृतिक चिकित्सालय केंद्र का संचालन कर रहे हैं । इनमें डा. राघवेंद्र सिंह (इंदौर), डा. रजनी मंध्यान, डॉ. सिद्धार्थ शंकर शुक्ला, डा. ओम नारायण अवस्थी, योगाचार्य रामसुंदर यादव, आकाश मिश्रा, रामनरेश व महेश कुमार तिवारी शामिल रहे । कंचन काया केंद्र में कार्यरत सभी उपचारकों के उत्साहवर्धन के लिए उनको भी सम्मानित किया गया और अंत में सहभागियों को प्रमाण पत्र का वितरण भी किया गया । कार्यक्रम के अंत में स्वस्तिवचन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ । मंच संचालन आकाश मिश्र ने किया ।