उत्तर प्रदेश : 'सवेरा' योजना में 6329 बुजुर्गों ने कराया पंजीकरण



  • वर्ष 2021 में 66,26,841 सूचनाओं पर पहुंचाई गई तुरंत सहायता

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से संचालित की जा रही 'सवेरा' योजना हजारों बुजुर्गों के जीवन में उजाला भरने का काम कर रही है। इस योजना के मकसद है कि अगर किसी भी बुजुर्ग को सुरक्षा संबंधित सहायता की आवश्यकता पड़ती है तो 112 पीआरवी और संबंधित थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचकर उसकी मदद करेगी। इस योजना को अब पंख मिलने लगा और पिछले वर्ष 2021 में 6329 बुजुर्गों ने 'सवेरा' योजना में अपना पंजीकरण कराया है। सरकार की पहल पर जिला व थाना स्तर पर वरिष्ठ नागरिक सेल का गठन भी किया गया है।

योजना का मुख्य उद्देश्य : उप्र पुलिस का इस योजना को चालू करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई भी बुजुर्ग को आसपास के लोग या कोई दबंग परेशान करता है तो फौरन इसकी शिकायत कर सकते है। इस पर यूपी पुलिस द्वारा संज्ञान में लेकर पीड़ित को न्याय और हर प्रकार से मदद दिलायी जाती है। कोविड कॉल में यह योजना बुजुर्गों के लिए मील का पत्थर भी साबित हुई थी।

इन पर रहती है विशेष नजर : पुलिस विभाग के मुताबिक, ऐसे बुजुर्गों पर ज्यादा ध्यान रखा जाता है जो एकाकी जीवन जीते हैं। इसके अलावा अपनों से ठुकराये गये बुजर्गों का भी खास ख्याल रखा जाता है। यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू की गई है, जो ऐसे बुजुर्गों की पुलिस द्वारा मदद की जा रही है।

ऐसे कराये पंजीकरण : अगर कोई भी बुजुर्ग अपना पंजीकरण कराना चाहता है तो वह सीधे यूपी 112 पर कॉल कर सकता है। प्राथमिक पंजीकरण के बाद स्थानीय थाना पुलिस घर जाकर बुजुर्ग और उसके परिवार के बारे में जानकारी लेगी। बुजुर्ग की समस्या को जानकर दूर करने का प्रयास किया जाता है।

66,26,841 आपात सहायता प्रदान की गई : पिछले साल यूपी 112 ने प्रदेश के नगारिकों द्वारा टेलीफोन, एसएमएस और सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर कुल 66,26,841 आपात सहायता इवेंट तैयार कर नगारिकों को आपात सहायता प्रदान की है। इनमें मुख्य तौर पर 55,01,184 इंवेट पुलिस सहायता के लिए 9,19081 इंवेट मेडिकल सहायता के लिए 60,864 इवेंट फायर सें संबंधित और 90,586 इंवेट विभिन्न हेल्पलाइन से संबंधित रहे। वर्ष 2021 में पीआरवी वाहनों को ओवर आल रिस्पांस टाइम 11 मिनट आठ सैकेंड रहा, जो शहरी क्षेत्र में दस मिनट 14 सैकेंड व ग्रामीण क्षेत्र में 12 मिनट आठ सैकेंड के औसत समय में पीड़ितों को सहायता के लिए पहुंचाने का समय है।

215 व्यकित्यों की जीवन रक्षा की गई : सूचना के बाद कुछ मिनटों में पहुंचने वाली उप्र पुलिस की 112 पीआरवी ने पिछले साल 2021 में आत्महत्या के प्रयासो को सफलता पूर्व रोकते हुए 215 लोगों की जान बचायी है। इसके अतिरिक्त उल्लेखनीय रुप से इस वर्ष पशु-पक्षियों के जीवनरक्षण का कार्य करते हुए ऐसी 56.817 सूचनाओं पर त्वरित सहायता पहुंचायी है।