(एजेंसी) - स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं रहीं। बस रह गई हैं तो सिर्फ उनकी यादें और उनके गाये ख़ूबसूरत गीत। लता मंगेशकर का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। कलाकार परिवार से ताल्लुक रखने वाली लता मंगेशकर ने महज पांच साल की उम्र में अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। 16 दिसम्बर 1941 को लता मंगेशकर ने अपने पिता के आशीर्वाद से पहली बार रेडियो के लिए लता ने स्टूडियो में 2 गीत गाए थे।
लता को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे। लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र में पहली बार साल 1942 में आई मराठी फिल्म 'पहली मंगलागौर' में गाना गाया था। लता मंगेशकर ने अपने सात दशक के करियर में कई भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं। उन्हें 2001 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। लता मंगेशकर को दादा साहेब फाल्के, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और तीन नेशनल अवॉर्ड्स सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है। लता मंगेशकर संगीत की दुनिया का वह नायाब हीरा हैं, जिसपर हर भारतीय को गर्व है। लता मंगेशकर नहीं रहीं लेकिन अपनी खूबसूरत आवाज की बदौलत वह दर्शकों के दिलों में सदैव जीवित रहेंगी। रविवार को लता मंगेशकर का निधन हो गया । संगीत जगत में लता मंगेशकर के योगदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। स्वर कोकिला लता मंगेशकर भारत की पहचान और भारतीय का गुरूर थीं। उनका निधन पूरे देश की अपूरणीय क्षति है।