- सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) -प्रत्येक माह की 9 तारीख़
बाराबंकी - गरीबी एवं कुपोषण के चलते बढ़े मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए बुधवार को सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (पीएमएसएमए) मनाया जाएगा। इसी क्रम में नौ जनवरी को यह दिवस जनपद के प्रत्येक नगरीय व ग्रामीण प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में वृहद रूप से मनाया जाएगा। इसमें ढाई हजार गर्भवती की जांच कर जरूरत पड़ने पर उन्हें इलाज की निश्शुल्क सुविधा दी जाएगी। साथ ही बैंक खाता भी खोला जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने डा रामजी वर्मा ने जनपद के सभी सीएचसी व पीएचसी को निर्देशित किया है कि सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान को विशेष दिवस के रूप में आयोजित किया जाए। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि स्वास्थ्य इकाइयों तक आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व सम्पूर्ण जांच अवश्य कराया जाए। इसके बाद उच्च जोखिम वाली महिलाओं की जांच व इलाज एमबीबीएस डॉक्टर के द्वारा किया जाता है। उन्होंने लाभार्थी के परिजनों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना काल में सतर्कता के साथ गर्भवती माँ को ख़ास होने का एहसास दिलाते हुए इस दिवस के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के लिए अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जरूर लायें और निःशुल्क जाँचों और सेवाओं का अवसर ना गँवायें।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा केएनएम त्रिपाठी ने बताया कि जिले में पीएमएमएसए दिवस पर आने वाली समस्त गर्भवती की समस्त आवश्यक प्रसव पूर्व जांचें जैसे ब्लड प्रेशर, वजन, रक्त व पेशाब की जांच, मधुमेह, एचआइवी, सिफलिस व अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा मुफ्त उसी दिन प्रदान की जाए ताकि उन्हें बार-बार स्वास्थ्य इकाइयों पर न आना पड़े। अभियान के दौरान आवश्यक समस्त दवा व जांच की सुविधा शत-प्रतिशत उपलब्ध कराई जाए। इस दिवस पर गर्भवती को चिह्नित स्वास्थ्य इकाइयों तक लाने व वापस ले जाने के लिए 102 एंबुलेंस से जोड़ा जाए। दिवस पर चिह्नीकृत उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं का उपचार उसी स्वास्थ्य इकाई में किया जाए अथवा उच्चस्तरीय इकाई पर रेफर कर दिया जाए। चिह्नीकृत उच्च जोखिमयुक्त गर्भवती महिलाओं की सूची आशा व एएनएम को उपलब्ध कराई जाए।
इसके साथ ही अभियान दिवस पर आने वाली समस्त गर्भवती को ग्रुप काउंसिलिंग के माध्यम से पोषण एवं परिवार नियोजन संबंधी परामर्श प्रदान किया जाए। परिवार नियोजन का एक अलग से काउंटर बनाकर उससे संबंधित साधन व सामग्री भी सुनिश्चित की जाए। गर्भवती के साथ आने वाली अन्य किसी सदस्य को परिवार नियोजन के संसाधनों का लाभ मिल सके।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम अम्बरीश द्विवेदी.ने बताया कि कोरोना काल में पूरी सर्तकता के साथ सुरक्षित मातृत्व अभियान को भी त्योहार की तरह मनायें। जनपद को कल यानी बुधवार को 2,500 गर्भवती महिलाओं को जांच कराने का लक्ष्य दिया गया है, और यह सभी की भागीदारी से संभव हो पाएगा।