- दो साल से कोविड सैंपल की जांच में जुटे लैब टेक्नीशियन की जुबानी
रायबरेली - कोविड टीकाकरण कराकर और प्रोटोकाल का हर वक्त ख्याल रखकर ही कोरोना से अपने को सुरक्षित बनाया जा सकता है | इसके लिए जरूरी है कि जब भी घर के बाहर हों तो मास्क से नाक व मुंह अच्छी तरह से ढका होना चाहिए, भीड़भाड़ में जाने से बचें और किसी से मिलें भी तो दो गज की दूरी बनाकर रखें | इसके अलावा साबुन-पानी से हाथों की सफाई भी करते रहें | इन्हीं मूल मंत्रों का पालन करके खुद के साथ घर-परिवार को कोरोना से सुरक्षित बना सकते हैं | यह कहना है डेढ़ साल से कोविड सैंपल की जांच में जुटे लैब टेक्नीशियन एस. पी. मौर्य का |
श्री मौर्य का कहना है कि जबसे कोविड का संक्रमण हुआ है, तब से हम संभावित कोरोना व्यक्तियों की जांच करने में जुटे हैं । हम सीधे उनके संपर्क में रहते हैं । संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए हम पीपीई किट तो पहनते हैं लेकिन थोड़ी सी लापारवाही हमें संक्रमित कर सकती है । कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया और सावधानी बरती जिसका यह परिणाम है कि अभी तक हम कोविड से ग्रसित नहीं हुए हैं। वह बताते हैं कि पिछले लगभग दो सालों से हम कोविड की जांच की ड्यूटी में लगे हैं | हम जोखिम का काम करते हैं, इसलिए जरूरी प्रोटोकाल का हर वक्त ख्याल रखते हैं | साथ ही कोविड टीकाकरण करवाया | वर्तमान में हमारी ड्यूटी रेलवे स्टेशन पर लगी हुई है | प्रतिदिन 175 लोगों की कोविड की जांच करनी होती है | इस दौरान भी मास्क, एक दूसरे से उचित दूरी और हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखते हैं | यही हमारा मूलमंत्र है जिसने हमें अभी तक संक्रमित नहीं किया है |
इसी तरह लैब टेक्नीशियन अंकुर पटेल भी पिछले लगभग डेढ़ साल से सैंपल कलेक्शन और जांच में जुटे हैं | उनका भी यही कहना है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करके और कोविड टीकाकरण कराकर अपने को सुरक्षित बनाया जा सकता है | इन्हीं सावधानियों को अपनाकर कोविड के संक्रमण से अभी तक सुरक्षित हूँ | कोरोना को लेकर डरना नहीं बल्कि सतर्क रहना है | वह बताते हैं कि घर जाकर परिवार से मिलने से पहले नहाता हूँ, कपड़े बदलता हूँ , उसके बाद ही सदस्यों से मिलता हूँ | घर आने पर सीधे बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर बीमारी से पीड़ितों के संपर्क में न आयें क्योंकि इनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और उनके जल्दी संक्रमित होने की संभावना होती है | यह सब कोविड के प्रोटोकॉल ही हैं, जिनका हर किसी को फॉलो करना चाहिए | साथ ही सभी को कोविड का टीका जरूर लगवाना चाहिए |
इसी तरह धर्मेन्द्र पाल बताते हैं कि कोविड संक्रमितों की जांच करते हुए भी हम कोविड संक्रमण की चपेट में नहीं आए | इसका बड़ा कारण यही है कि कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का हमने अक्षरशः पालन किया और कोविड का टीका लगवाया | अन्य सभी से भी यही कहना चाहेंगे कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और कोविड टीकाकरण अवश्य कराएं क्योंकि टीका लगने के बाद कोविड का संक्रमण तीव्र नहीं होता है |