- जिले में 5460 मरीजों को निःशुल्क डॉयलिसिस की मिल रही सुविधा
- इस पर निजी अस्पतालों में 15 से 25 हजार रुपये तक हो जाते हैं खर्च
गोरखपुर - महानगर के तुर्कमानपुर की रहने वाली आलिया (22) और देवरिया जिले के मूल निवासी अब्दुल (30) को आयुष्मान भारत योजना से एक तरह से नई जिंदगी मिली है । इन दोनों लोगों की तरह जिले के 5460 बार मरीजों को निःशुल्क डॉयलिसिस की सुविधा मिल रही है, जबकि निजी अस्पतालों में इस पर 15 से 25 हजार तक प्रति महीने खर्च करने पड़ जाते ।
आलिया के भाई सैफुद्दीन का कहना है कि साल भर पहले उनकी तबीयत खराब हुई। दवा लेने के बावजूद झटके आते थे । जांच में चिकित्सकों ने बताया कि उनकी किडनी खराब है । उनका परिवार आयुष्मान भारत योजना के तहत आच्छादित है और वह लोग पहले ही आयुष्मान कार्ड बनवा चुके थे। उनकी बड़ी बहन आयशा के पथरी का ऑपरेशन भी योजना के तहत मुफ्त हुआ था । ऐसे में उन लोगों ने चिकित्सक की सलाह पर योजना से संबद्ध लाइफ केयर हॉस्पिटल में डॉयलिसिस कराना शुरू किया । महीने में छह से सात बार डॉयलिसिस करवाते हैं और पूरी सुविधा निःशुल्क मिलती है । उनका कहना है कि आयुष्मान कार्ड होने से इलाज आसानी से हो जाता है ।
देवरिया जिले के मूल निवासी अब्दुल रहीम (30) गोरखपुर में ही रहते हैं और यहीं पर आयुष्मान भारत योजना के तहत उनकी निःशुल्क डॉयलिसिस हो रही है। अब्दुल के भाई अब्दुल रौफ का कहना है कि जानकारी के अभाव में आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद वह लोग एक निजी अस्पताल में ढाई साल से डॉयलिसिस करवा रहे थे। वहीं से उनके परिचित के जरिये जानकारी मिली की संबद्ध अस्पताल में निःशुल्क सुविधा मिलेगी। लाखों रुपये खर्च करने के बाद सही जानकारी मिलने पर अब्दुल की डॉयलिसिस अब निःशुल्क हो रही है और वह लोग सुविधा से संतुष्ट हैं ।
योजना के तहत अब तक 55000 को मिला मुफ्त इलाज : आयुष्मान भारत योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संचिता मल्ल का कहना है कि योजना के तहत भर्ती होकर जिले में अब तक 55000 लोग निःशुल्क इलाज की सुविधा पा चुके हैं । योजना से जुड़े लोगों की मदद के लिए ड्रिस्ट्रक्ट ग्रीवांस मैनेजर विनय कुमार पांडेय और जिला सूचना तंत्र प्रबंधक शशांक शेखर के साथ-साथ सभी आरोग्य मित्र सेवाएं दे रहे हैं । जिले में कुल 110 अस्पतालों में योजना के तहत इलाज मिलता है, जिनमें 26 सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं ।
4.48 लाख लाभार्थी परिवार : आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह का कहना है कि जिले में 4.48 लाख लाभार्थी परिवार समूह योजना से आच्छादित हैं, जिनमें से 1.98 लाख परिवारों के पास आयुष्मान कार्ड उपलब्ध है। जिलाधिकारी और सीएमओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार शेष परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है । इसके तहत प्रति वर्ष प्रत्येक लाभार्थी परिवार को पांच लाख तक का इलाज भर्ती होने के बाद निःशुल्क है । आयुष्मान कार्ड उन्हीं लोगों का बनता है जो योजना के तहत सूचीबद्ध हैं ।