- नेहा खान ने प्रथम, फिजा बेगम ने द्वितीय और कहकशां ने तृतीय स्थान प्राप्त किया
लखनऊ - राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे ‘टी.बी. हारेगा- देश जीतेगा’ अभियान के तहत मंगलवार को हयात इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिकल कॉलेज और हयात इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग में “क्षय उन्मूलन में युवाओं की भूमिका” विषय पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. कैलाश बाबू की अध्यक्षता में निबंध प्रतियोगिता आयोजित हुई | प्रतियोगिता में नेहा खान ने प्रथम, फिजा बेगम ने द्वितीय और कहकशां ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा – युवा वह शक्ति है, जो ऊर्जा से भरपूर है | क्षय उन्मूलन में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं | प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक क्षय रोग को समाप्त करने के संकल्प में वह अहम योगदान दे सकते हैं | युवा अपनी जिम्मेदारी समझें और क्षय उन्मूलन में आगे आयें | अपने घर व आस-पास में लोगों को क्षय रोग की जानकारी दें | संभावित मरीज मिलने पर पास के स्वास्थ्य केंद्र भेजें, उन्हें जांच करवाने की सलाह दें कि स्वास्थ्य केंद्र पर क्षय रोग की जांच और इलाज निःशुल्क होता है |
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक रामजी वर्मा और सौमित्र मिश्रा ने टीबी रोग के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि टी बी के मुख्य लक्षण हैं - दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आना भूख न लगना , वजन कम होना, सीने में दर्द रहना व खांसी में खून का आना, बुखार रहना, रात में पसीना आना । अगर यह लक्षण किसी व्यक्ति में दिखाई देते हैं तो वह पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच जरूर कराएं । क्षय रोग की जांच और इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है । इसके साथ ही पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रूपये प्रतिमाह बैंक खाते में दिए जाते हैं |
कार्यक्रम में उपस्थित छात्र/ छात्राओं के मोबाइल पर टीबी आरोग्य सेतु एप एवं दक्षता एप इंस्टाल कराया गया तथा इन एप के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया | छात्र/ छात्राओं को बताया गया कि किसी क्षय रोगी की पहचान होने पर किस तरह से वह अपने इन एप के माध्यम से मरीज को स्वास्थ्य केंद्र पर भेज सकते हैं या इस संबंध में उन्हें किससे संपर्क करना है | कार्यक्रम के अंत में सभी को क्षय रोग उन्मूलन में सहयोग करने की शपथ दिलाई गई |
इस अवसर पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अभय चंद्र मित्रा, मनोज यादव, हयात इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिकल कॉलेज और हयात इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग विद्यालय के निदेशक मोहम्मद आरिफ़ और बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे |