केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम को जारी रखने को दी मंजूरी



-1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक एनएसीपी, चरण-V को जारी रखने की दी मंजूरी

नई दिल्ली - केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी, चरण-V) को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। पांच सालों में इस योजना पर कुल 15471.94 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। भारत में एचआईवी संक्रमण में वैश्विक औसत 31 प्रतिशत के मुकाबले 48 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं, इससे होने वाली मौतों में वैश्विक औसत 42 प्रतिशत है जबकि भारत में वार्षिक मौतों में 82 प्रतिशत की गिरावट आई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडलीय समिति ने राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी, चरण-V) को पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना के रूप में जारी रखने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

कब हुई थी एनएसीपी की शुरुआत : राष्ट्रीय एड्स प्रतिक्रिया की शुरुआत 1992 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम के पहले चरण के शुभारंभ के साथ की गई थी। एनएसीपी के चार चरणों को सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। एनएसीपी का चौथा चरण (विस्तार) 31 मार्च 2021 को संपन्न होगा। एनएसीपी के तहत राष्ट्रीय एड्स कार्यक्रम को विश्व स्तर पर एक अत्यंत सफल कार्यक्रम माना जाता है। साल 2014 के बाद गेमचेंजर पहल जैसे एड्स रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम (2017), टेस्ट एंड ट्रीट पॉलिसी, यूनिवर्सल वायरल लोड टेस्टिंग, मिशन संपर्क, समुदाय-आधारित स्क्रीनिंग, डोलटेग्रेविर-आधारित उपचार आहार से इस बीमारी की रोकथाम में काफी सफलता हासिल हुई है। एचआईवी (पीएलएचआईवी) के साथ रहने वाले लगभग 14.20 लाख लोग कार्यक्रम समर्थित सुविधाओं से आजीवन, मुफ्त, उच्च गुणवत्ता वाले एंटी-रेट्रोवायरल उपचार (एआरटी) ले रहे हैं।