जनपद के 3500 टीबी रोगी लिए जायेंगे गोद



  • विश्व क्षय रोग दिवस पर जागरूकता गोष्ठी व हस्ताक्षर अभियान का आयोजन
  • टीबी अस्पताल में क्षय रोगियों में फलों का वितरण कर किया गया जागरूक

लखनऊ - विश्व क्षय रोग दिवस पर वृहस्पतिवार को जिला क्षय रोग केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में टीबी के प्रति  जागरूकता को लेकर हस्ताक्षर अभियान तथा गोष्ठी का आयोजन किया गया | हस्ताक्षर अभियान और गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डा. कैलाश बाबू ने कहा – प्रधानमंत्री का संकल्प देश को वर्ष 2025 तक क्षय मुक्त बनाना है | इसी क्रम में विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम  चलाए जा रहे हैं |  क्षय रोगियों को चिन्हित करने के लिए  साल में दो बार सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) चलाया जाता है | इसी क्रम में अब  उपचारित टीबी मरीजों को गोद लेने का अभियान चलाया जा रहा है |

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया- जिले के 120 विभिन्न संगठनों एवं व्यक्तियों द्वारा 3500  टीबी मरीजों को गोद लिया जाएगा | जिलाधिकारी  की पहल और मार्ग निर्देशन में अब बच्चों के साथ-साथ वयस्कों को भी गोद लिया जा रहा है | इन 3500 टीबी मरीजों में बच्चों के साथ वयस्क  क्षय रोगी भी शामिल हैं | इनमें 25 क्षय रोगी  विश्व क्षय दिवस पर राज्यपाल द्वारा गोद लिए गए हैं |  टीबी के सक्रिय मरीजों की पहचान कर उन्हें समुचित इलाज मुहैया कराने के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों एवं  संभ्रांत व्यक्तियों  द्वारा गोद लिया जा रहा है | स्वयंसेवी संगठन, शैक्षणिक संस्थान एवं संभ्रांत व्यक्ति गोद लेने वाले टीबी मरीजों के इलाज, दवा और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ ही पौष्टिक आहार की किट भी उपलब्ध कराएंगे | यह  पौष्टिक आहार किट हर माह दी जाएगी जिसमें एक-एक किलो मूंगफली, भुना चना, गुड़ और सत्तू होगा | इसके साथ ही तिल या गजक व  अन्य सामान भी होगा |

स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वयंसेवी संस्थाएं लोगों का जागरूक करने में योगदान दें | लोगों को क्षय रोग के बारे में बताएं कि इसका इलाज नियमित रूप से करें | यदि टीबी का मरीज बीच में ही दवा छोड़ देता है तो ड्रग रेसिस्टेंट टीबी होने की सम्भावना बढ़ जाती है | जब शरीर में टीबी के लिए प्रभावकारी दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है तो उसे मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी या एमडीआर टीबी कहा जाता है | इसलिए मरीजों को नियमित टीबी की दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है, साथ ही इलाज पूरा होने के बाद दो साल तक उनका फॉलो अप किया जाता है | मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के गंभीर रूप को एक्सटेंसिवली ड्रग रेसिस्टेंट टीबी कहा जाता है |

टीबी का यह स्तर मरीजों के लिए घातक होता है | यह टीबी दवा प्रतिरोधी होती है और मरीजों के लिए बहुत ही खतरनाक होती है | क्षय रोग के लक्षण दिखने पर इसकी जांच करें | जांच कराने में कोई कोताही न बरतें |  स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क जांच और इलाज उपलब्ध है | इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत क्षय रोगी को इलाज के दौरान पोषण के लिए  500 रुपये की धनराशि सीधे उनके खाते में भेजी जाती है |
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया - एक जनवरी से अभी तक जनपद में कुल 3364 क्षय रोगी मिले हैं | एसीएफ में 332 मरीजों की पहचान हुई है |

इस मौके पर जिला कार्यक्रम समन्वयक,  दिलशाद हुसैन  सीनियर ट्रीटमेंट सुपर्वाइजर अभय चंद्र मित्रा, लोकेश कुमार वर्मा पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक रामजी वर्मा, सौमित्र मित्रा, वर्ल्ड विजन संस्था के अश्विनी, डॉक्टर फॉर यूसंस्था के शुभम ओझा उपस्थित रहे |

इसी क्रम में ठाकुर गंज टीबी अस्पताल में मालबायो डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि  द्वारा वार्ड में क्षय रोगियों को फलों का वितरण किया गया एवं लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक किया गया | इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आनंद बोध, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम से  रजनीश , एजाज अंसारी उपस्थित रहे |