यूक्रेन संकट के बावजूद भारत एफडीआई हासिल करने वाले पांच प्रमुख देशों में : सीतारमण



-वित्त मंत्री ने कहा, संसाधन जुटाने के लिए कराधान का सहारा नहीं लिया

नई दिल्ली - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी के समान यूक्रेन युद्ध का असर भी सभी देशों पर पड़ रहा हैं। इसके बावजूद भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल करने वाले पांच प्रमुख देशों में बना हुआ है।

सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में विनियोग विधेयक 2022 और वित्त विधेयक 2022 पर एक चर्चा के दौरान यह बात कही। सीतारमण ने चर्चा के दौरान राज्यसभा में कहा कि अब हम यूक्रेन में एक युद्ध की स्थिति का सामना कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि सभी देशों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है, जैसे कि महामारी का प्रभाव है। यह प्रभाव कई आपूर्ति में व्यवधान पैदा कर रहा है। वैल्यू चेन टूट रही हैं, नए बाजार उभर रहे हैं। इसके साथ ही पुराने बाजार ऐसी स्थिति में फंस गए हैं, जहां कुछ भी सामान्य नहीं है।

वित्त मंत्री ने राज्यसभा में विनियोग विधेयक और वित्त विधयेक पर हुई चर्चा का संयुक्त जवाब देते हुए कहा कि विभिन्न विकसित देशों के विपरीत सरकार ने कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार और संसाधन जुटाने के लिए करों में कोई इजाफा नहीं किया है, जबकि दुनिया के 32 देशों ने कोरोना महामारी के बाद विभिन्न करों की दरों में बढ़ोतरी की है।

निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में आगे कहा कि राज्यों का कोई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बकाया नहीं है। राज्यों को कितना मुआवजा सेस मिलना है, यह सब जीएसटी काउंसिल तय करती है, हम नहीं। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा का सेस कलेक्शन 3.77 लाख करोड़ रुपये है, जबकि राज्यों को खर्च करने के लिए 3.94 लाख करोड़ रुपये दिया जाता है। राज्यों को सेस की संग्रह राशि में केंद्र सरकार कुछ और जोड़ कर देती है।