नई दिल्ली (एजेंसी) - ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की पहुंच बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) एक नए प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसके तहत प्रत्येक मेडिकल छात्र को एक गांव को गोद लेना होगा।
बता दें एनएमसी की हाल में हुई बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिसमें एक प्रस्ताव यह भी है। इसमें कहा गया मेडिकल छात्रों के कम्प्यूटर स्किल प्रोग्राम की जगह इस कार्यक्रम को शुरू किया जा सकता है। इसे मेडिकल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। इसके अलावा एमबीबीएस पाठ्यक्रम में डॉक्टर हिपोक्रेटिक ओथ की जगह अब महर्षि चरक के नाम पर शपथ लेंगे। लंबी प्रक्रिया के बाद आखिरकार देश में नई चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था लागू हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उसी गांव को गोद लिया जा सकता है जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) ना हो। बता दें यह कदम इसलिए भी उठाया जा रहा है क्योंकि अभी भी देश की 66 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, लेकिन 75 फीसदी डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में हैं एवं इस प्रस्ताव से काफी हद तक ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ व्यवस्था सही की जा सकेगी।