मुंबई - वैश्विक बाजार के कमजोर रुख के बावजूद रिजर्व बैंक (आरबीआई) के महंगाई को नियंत्रित करने और विकास की गति को बनाए रखने के उद्देश्य से प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रखने के निर्णय से बीते सप्ताह तेजी पर रहे शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय कारकों के साथ ही कंपनियों की चौथी तिमाही के परिणाम से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 170.69 अंक की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 59447.18 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 126.85 अंक चढ़कर 17797.30 अंक पर रहा। इस दौरान दिग्गज कंपनियों के मुकाबले छोटी और मझौली कंपनियों में अधिक तेजी रही। बीएसई का मिडकैप 859.8 अंक उछलकर 25303.39 अंक और स्मॉलकैप 1066.38 अंक की छलांग लगाकर 29765.79 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव वाला रहा लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में जबरदस्त बढ़त देखी गई और यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है। अगले सप्ताह सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दो दिग्गज कंपनियों टीसीएस और इंफोसिस के पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं, जिसका असर बाजार पर देखा जा सकेगा। टीसीएस का परिणाम 11 अप्रैल और इंफोसिस का 13 अप्रैल को जारी होगा। उनका कहना है कि इनके अलावा वैश्विक संकेत, कच्चे तेल की कीमत और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख का भी शेयर बाजार पर असर रहेगा।