प्रधानमंत्री ने जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की रखी आधारशिला



  • वन प्लानेट आवर हेल्थ” का नारा देकर डब्ल्यूएचओ ने 'एक धरती, एक स्वास्थ्य' के भारत के विजन को आगे बढ़ाया है"

नई दिल्ली / गुजरात (ऑनलाइन डेस्क) - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जामनगर में मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस की उपस्थिति में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) की आधारशिला रखी है । बात दें जीसीटीएम दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक आउटपोस्ट केंद्र होगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस ने जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करने में प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्वकारी भूमिका के लिए उनको धन्यवाद दिया। महानिदेशक ने इस सेंटर को वास्तव में एक वैश्विक परियोजना करार दिया, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 107 सदस्य देशों के अपने देश विशिष्ट सरकारी कार्यालय हैं, जिसका अर्थ है कि दुनिया पारंपरिक चिकित्सा में नेतृत्व के लिए भारत आएगी। डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि केंद्र के पांच मुख्य क्षेत्रों में अनुसंधान एवं नेतृत्व, साक्ष्य एवं शिक्षा, डेटा एवं विश्लेषण, स्थायित्व एवं समानता तथा नवाचार एवं प्रौद्योगिकी शामिल होंगे।

मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने इस अवसर के साथ मॉरीशस को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों में स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली और हर्बल उत्पादों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि केंद्र की स्थापना के लिए इससे अधिक उपयुक्त समय नहीं हो सकता। उन्होंने केंद्र की स्थापना में नेतृत्व संभालने में प्रधानमंत्री श्री मोदी के व्यक्तिगत योगदान के बारे में बताया। श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने कहा, "हम इस उदार योगदान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, भारत सरकार और भारतीय लोगों के बहुत आभारी हैं।"

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस को उनके सहृदय निवेदन के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस के भारत के साथ जुड़ाव और डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) की परियोजना में उनकी व्यक्तिगत भागीदारी के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि उनका स्नेह डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के साकार होने से प्रकट हुआ है। प्रधानमंत्री ने महानिदेशक को आश्वासन दिया कि भारत उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा।

प्रधानमंत्री ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और उनके परिवार के साथ तीन दशक लंबे जुड़ाव पर भी प्रकाश डाला और उनकी बातों एवं उनकी उपस्थिति के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने उन नेताओं को भी धन्यवाद दिया जिनके वीडियो संदेश इस दौरान चलाए गए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है। यह जीवन का समग्र विज्ञान है।" श्री मोदी ने कहा कि आयुर्वेद उपचार और इलाज से भी बढ़कर है,  उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में उपचार और उपचार के अलावा; सामाजिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य-प्रसन्नता, पर्यावरणीय स्वास्थ्य, सहानुभूति, करुणा और उत्पादकता शामिल हैं। श्री मोदी ने कहा, "आयुर्वेद को जीवन के ज्ञान के रूप में लिया गया है और इसे पांचवां वेद माना गया है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य का सीधा संबंध संतुलित आहार से है। उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज आहार को आधा इलाज मानते थे और हमारी चिकित्सा प्रणाली आहार संबंधी सलाह से परिपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में चुना गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम मानवता के लिए लाभदायक साबित होगा।

    The @WHO Global Centre for Traditional Medicine in Jamnagar aims to bring ancient wisdom and modern science together. https://t.co/nbi6TLs9aU
    — Narendra Modi (@narendramodi) April 19, 2022