नई दिल्ली (एजेंसी) - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरू किए गए हर घर तिरंगा अभियान ने लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा दिया है। तिरंगा को लेकर जताए गए अनुमान से कहीं ज्यादा हर घर तिरंगा अभियान से देशभर में इस बार 30 करोड़ से ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई है, जिससे करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का कहना है कि राष्ट्रभक्ति और स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना और कोऑपरेटिव व्यापार की बड़ी संभावनाएं खोल दी हैं। तिरंगा के प्रति लोगों के समर्पण और उत्साह को देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री मोदी से 15 अगस्त, 2022 से 15 अगस्त 2023 तक की अवधि को भारत की स्वतंत्रता के समाप्त होने पर स्वराज वर्ष के रूप में घोषित करने की अपील की है।
बता दें कि मध्यम एवं लघु आकार वाले उद्यमों (एसएमई) विनिर्माण और व्यापार क्षेत्र ने सबसे अधिक संगठित तरीके से बड़ी संख्या में भारतीय ध्वज तैयार करने में दिन-रात काम किया। आम तौर पर बनाए गए ध्वज के विभिन्न आकारों में 6800x4200 मिमी, 3600x 2400 मिमी, 1800x1200 मिमी, 1350x900 मिमी, 900x600 मिमी, 450x300 मिमी, 225x150 मिमी और 150x100 मिमी शामिल हैं। पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय तिरंगे की सालाना बिक्री लगभग 150-200 करोड़ रुपये तक सीमित थी, जबकि हर घर तिरंगा आंदोलन ने बिक्री को कई गुना बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया है।