देश की पहली नेजल वैक्सीन को मिली DCGI की मंजूरी



नई दिल्ली (डेस्क) - भारत बायोटेक के इंट्रानेजल वैक्सीन को कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) से मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

क्या है नेजल वैक्सीन?
इसमें वैक्सीन की खुराक नाक के माध्यम से दी जाती है, न कि मौखिक रूप से या हाथ के माध्यम से। वैक्सीन को या तो एक विशिष्ट नाक स्प्रे के जरिए या एरोसोल डिलीवरी के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है। यह नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार करती है। इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है और उसके अंदरूनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार होने से ऐसे बीमारियों को रोकने में ज्यादा असरदार साबित होती है।

बता दें कि टीके के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण भी सफल रहे थे। इस टीके को खासतौर पर नाक के जरिये शरीर में पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।