नई दिल्ली (डेस्क) - जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) पिछले दो दशकों से दिव्यांग व्यक्तियों को प्रभावी पुनर्वास सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।उनकी सेवाओं को बढ़ाने के लिए, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में दिव्यांगता सशक्तिकरण विभाग द्वारा एक मॉडल डीडीआरसी की अवधारणा की गई है।
पहले चरण में नौ ऐसे मॉडल डीडीआरसी, बदायूं, पीलीभीत, बरेली, बालाघाट, गोलाघाट, अहमदाबाद, अमरावती, कुल्लू और रामपुर को मॉडल डीडीआरसी स्तर पर अपग्रेड किया गया है। इन 09 मॉडल डीडीआरसी का उद्घाटन डॉ. वीरेंद्र कुमार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री भारत सरकार द्वारा आज यहां वर्चुअल माध्यम से किया गया। आयोजन के दौरान, विभिन्न राज्य और जिले के अधिकारी, विधायक और सांसद संबंधित डीडीआरसी स्थल पर उद्घाटन में शामिल हुए। अधिकारियों ने मौजूदा डीडीआरसी को मॉडल डीडीआरसी बनाने में उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रयासों पर प्रकाश डाला।
मॉडल डीडीआरसी में हियरिंग एड टेस्ट लैब, स्पीच थेरेपी रूम, विजुअल थेरेपी रूम, साइकोलॉजिस्ट रूम, फिजियोथेरेपिस्ट रूम, गैट प्रैक्टिस पैरेलल बार और टेली-मेडिसिन / टेली-थेरेपी जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, ये डीडीआरसी अब यूडीआईडी पोर्टल के पंजीकरण में पीडब्ल्यूडी की सहायता करेंगे। ये डीडीआरसी पीडब्ल्यूडी को गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने में मील के पत्थर के रूप में कार्य करेंगे और भविष्य में आने वाले नए डीडीआरसी के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगे।