लखनऊ - कोरोना के बाद सबसे ज्यादा जो वाक्य सुनने में आता है वह है हाथ धोना | कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल में हाथ धोना सबसे महत्वपूर्ण है | हाथ धोने की आदत में न केवल लागत कम आती है बल्कि इससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है |
सेंटर फॉर डिजीज एंड कंट्रोल के अनुसार शोध बताते हैं कि समुदाय को सही से हाथ धोने के बारे में जागरूक कर 23 से 40 फीसद तक डायरिया के केसों में कमी लायी जा सकती है | जो बच्चे पेट या आंत में संक्रमण के कारण स्कूल नहीं जा पाते हैं अगर उन्हें सही से हाथ धोने की जानकारी दी जाए तो 29 से 57 फीसद बच्चों का स्कूल नहीं छूटेगा साथ ही 16 से 21 फीसद आबादी को श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे ठंड से बचाया जा सकता है |
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार हाथों को साबुन से धोकर हम 3 छोटे बच्चों में से एक को डायरिया जैसे संक्रमण से बचा सकते है । वही पाँच छोटे बच्चों में से एक को सांस संबंधी संक्रमण जैसे निमोनिया से बचा सकते हैं |
एसजीपीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. पियाली भट्टाचार्य बताती हैं कि कीटाणुओं के प्रसार में हाथ की सफाई बेहद महत्वपूर्ण है | हाथों को साफ रखकर कीटाणुओं द्वारा होने वाले संक्रमण को रोका जा सकता है और लोगों को स्वस्थ रखा जा सकता है |
हम हाथों को साबुन और पानी से धोकर कोरोना से तो बच ही सकते हैं इसके अलावा डायरिया, कुपोषण, पेट में कीड़े, कॉलरा जैसी बीमारियों से भी बचा जा सकता है | स्वयं में और बच्चों में हाथ धोने की आदत विकसित कर हम इन बीमारियों से उन्हें बचा सकते हैं | यह भी ध्यान देने वाली बात है कि हमें कब-कब अपने हाथों को धोना चाहिए |
शौच के बाद, पालतू जानवरों, उनका खाना या अन्य चीजों को छूने के बाद, बच्चों को शौच कराने के बाद, खाँसने या छींकने के बाद, खाना बनाने व खाने से पहले हाथों को साबुन और पानी से जरूर धोना चाहिए | यदि बिना साफ हाथ से खाना खाते हैं तो खाने के साथ कीटाणु भी आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिसके कारण डायरिया, कॉलरा और पेट में कीड़े जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं |
यदि बच्चे को बार-बार डायरिया होगा या उसके पेट में कीड़े हैं तो उसकी वृद्धि में रुकावट होगी और कुपोषण की श्रेणी में आ जाएगा | हाथों को 30 से 40 सेकेंड तक धोना चाहिए तथा हवा में ही हाथों को सुखाना चाहिए | हाथ धोते समय सुमन-के (एस-सीधा, यू-उल्टा, एम-मुट्ठी, अ-अंगूठा, न-नाखून और क-कलाई) फार्मूला को ध्यान में रखें | सबसे पहले हथेली, फिर उलटी तरफ, उसके बाद मुट्ठी, फिर अंगूठा, नाखून और अंत में कलाई को धोएं |