प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों पर आज मनेगा पहला निक्षय दिवस



  • स्क्रीनिंग, जाँच, निक्षय पोषण योजना व परामर्श की मिलेगी सुविधा

लखनऊ -  क्षय एक जानलेवा बीमारी है, जिसके कारण लाखों लोगों को प्रतिवर्ष जान गंवानी पड़ती रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व से क्षय उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है। भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनौती को स्वीकारते हुए वर्ष 2025 तक ही देश से क्षय रोग उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए संचालित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रदेश की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर गुरुवार (15 दिसम्बर) को पहला निक्षय दिवस मनाया जाएगा। टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और निक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की जा रही है। इस सम्बंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन पार्थ सारथी सेन शर्मा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

जारी दिशा-निर्देश के अनुपालन में इस आयोजन को सफल बनाने के लिए समुदाय में आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर टीबी और निक्षय दिवस के आयोजन के बारे में समुदाय को जागरूक कर चुकी हैं। स्वास्थ्य इकाइयों पर एलईडी के जरिये टीबी के बारे में जागरूकता सम्बन्धी फिल्म भी प्रसारित की जायेगी। निक्षय दिवस की उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर प्रदर्शित किया जाएगा। आशा कार्यकर्ता दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी वाले, दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार वाले, वजन में कमी वाले/ भूख न लगने और बलगम से खून आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लाने का कार्य करेंगी। कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) द्वारा मरीजों की प्रारम्भिक जांच (उपलब्धता के आधार पर) एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच सुनिश्चित की जाएंगी। इसके अलावा बलगम का नमूना लिया जायेगा और उसे निक्षय पोर्टल पर प्रिजमटिव आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राष्ट्रीय कार्यक्रम के महाप्रबन्धक डॉ. लक्ष्मण सिंह का कहना है कि निक्षय दिवस पर ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम जांच सुनिश्चित की जायेगी। सीएचओ और आशा कार्यकर्ता  द्वारा निक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं का प्रचार-प्रसार भी किया गया है। सीएचओ जाँच में टीबी की पुष्टि वाले मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों की भी टीबी स्क्रीनिंग होगी। आशा कार्यकर्ता निक्षय दिवस पर टीबी मरीजों के बैंक खाते का विवरण आशा संगिनी को देंगी और आशा संगिनी सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) को निक्षय पोर्टल पर दर्ज कराने को देंगी। इस दिवस पर प्राइवेट प्रैक्टिशनर को टीबी नोटिफिकेशन, कांटेक्ट ट्रेसिंग और फालोअप के लिए प्रेरित किया जाएगा।

राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि निक्षय दिवस पर स्वास्थ्य इकाई पर आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची के अनुसार उनकी जांच करायी जाएगी, एचआईवी-डायबिटीज की भी जाँच करायी जायेगी। स्वास्थ्य इकाइयों पर सम्भावित मरीजों के बैठने की खुली जगह की व्यवस्था करने को कहा गया है और इकाई के बाहर खुले स्थान पर बलगम के नमूने लेने के लिए कफ कार्नर बनाने को कहा गया है। क्षय रोगियों के लिए हर जरूरी दवाएं भी स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध रहेंगी। इसके अलावा प्रत्येक स्वास्थ्य इकाई पर टीबी की जाँच, उपचार के बारे में परामर्श की भी व्यवस्था होगी।