इटौंजा सीएचसी पर एमएमडीपी किट का वितरण



  • फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के बारे में किया गया प्रशिक्षित

लखनऊ - स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में बुधवार को इटौंजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर फाइलेरिया  मरीजों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता निवारण(एमएमडीपी) पर अभिमुखीकरण किया गया। इस मौके पर 35 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट भी प्रदान की गयी ।

इस अवसर पर सीएचसी अधीक्षक डा. ए.के.दीक्षित ने कहा कि फाइलेरिया से बचाव की  दवा के सेवन से ही बीमारी से सुरक्षित बना जा सकता है । एक बार यह बीमारी हो गई तो ठीक नहीं होती है । उचित प्रबंधन से प्रभावित अंगों की देखभाल की जा सकती है और जीवन को सरल बनाया जा सकता है । एमएमडीपी किट में मग, बाल्टी और जो अन्य  सामान दिए गए हैं उनका इस्तेमाल कर फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल  करें । सीएचसी अधीक्षक ने फाइलेरिया रोगी नेटवर्क समूह के सदस्यों से कहा कि वह अपने गाँव और आस-पास के लोगों को जागरूक करें कि 10 फरवरी से शुरू होने वाले सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया से बचाव की तीन दवाओं का सेवन जरूर करें । दवा के सेवन से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है । उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों में फाइलेरिया के परजीवी रहते हैं उन्हें दवा के सेवन के बाद चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी आना, हल्का बुखार आना आदि समस्याएँ हो सकती हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए। वह थोड़ी देर  बाद स्वतः  ठीक हो जाएगा | इसलिए दवा का सेवन जरूर करें ।

इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के प्रतिनिधि ने फाइलेरिया रोग के प्रबंधन और व्यायाम के बारे में प्रदर्शन करके बताया  | इस मौके पर कुम्हरावाँ, चतुरपुर, रमपुरवा  बसेना गाँव की संजू देवी, रामरति  रेखा , सावित्री, कल्लू, विमला सहित  35 मरीजों को एमएमडीपी किट प्रदान की गयी ।

 कार्यक्रम में ग्राम स्वास्थ्य कार्यकर्ता रवि, सीएचसी स्टाफ तथा सीफॉर  प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।