जिले में मनाया गया अन्नप्राशन दिवस



लखनऊ, 20 जून 2019 -आज बृहस्पतिवार को जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 6 माह की आयु पूर्ण कर चुके बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन मनाया गया |

इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता धनदेवी ने बताया कि 6 माह तक बच्चों को केवल स्तनपान कराना चाहिए | यहाँ तक कि बच्चों को पानी भी नहीं देना चाहिए क्यूंकि माँ के दूध में पर्याप्त पानी होता है | 6 माह के बाद ही ऊपरी आहार शुरू करना चाहिए | 6 माह के बाद जैसे जैसे बच्चा बढ़ता है उसकी पोषण संबंधी आवश्यकताएँ बढ़ती हैं जिनकी पूर्ति माँ के दूध से नहीं हो पाती है |
धनदेवी ने बताया कि जिन बच्चों की 6 माह की आयु पूरी हो गयी थी, ऐसे बच्चों की माताओं व परिवार के सदस्यों को केंद्र पर बुलाया गया | बच्चों को खीर चटाकर उनका अन्नप्राशन किया गया | माताओं व परिवार के सदस्यों को बताया कि 6 माह के बाद ऊपरी आहार के रूप में दलिया, सूजी की खीर, मसला हुआ आलू, मसली हुयी दाल व चावल इत्यादि में थोड़ा सा घी या तेल डालकर बच्चे को 2-3 बड़े चम्मच प्रतिदिन से शुरुआत करनी चाहिए जिसे धीरे-धीरे 250 मिली की आधी कटोरी तक बढ़ाना चाहिए | इसके अलावा पोषाहार से अन्य स्वादिष्ट व्यंजन जैसे बर्फी, लड्डू , मठरी व अन्य पदार्थ बनाना भी बताया गया |

मुख्य सेविका शशि ने बताया कि  9-11 माह की आयु वाले बच्चों को प्रतिदिन 250 मिली की आधी कटोरी दिन में 3-4 बार खिलनी चाहिए तथा साथ में स्तनपान भी जारी रखना चाहिए | वहीं 12-24 माह की आयु के बच्चों को स्तनपान के साथ 250 मिली की एक कटोरी दिन में 3-4 बार देनी चाहिए | बच्चों को भोजन के साथ साथ स्तनपान व भूख के आधार पर 1-2 बार नाश्ता भी देना चाहिए |   
मोहनलालगंज ब्लॉक की बाल विकास परियोजना अधिकारी सरोज पांडे ने बताया कि 6 माह के बाद बच्चे की  पोषण संबंधी आवश्यकताएँ बढ़ जाती हैं जिनकी पूर्ति स्तनपान के साथ साथ अर्द्ध ठोस आहार जैसे मसली हुयी दाल, चावल, केला, सूजी व मसले हुये आलू से होती है | इन्हीं ऊपरी आहार संबंधी जरूरतों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है | इस आयोजन के लिए हर केंद्र को 250 रुपए की धनराशि भी दी जाती है |