कानपुर, 22 जुलाई, 2019-देश की बढ़ती आबादी आज के गंभीर मुद्दों में से एक है, इसीलिए आजादी के बाद से ही परिवार नियोजन संबन्धित कार्यक्रम समय समय पर चलाये जा रहे है। अब परिवार नियोजन की दिशा में एक और अनोखी पहल, यानि 'सुहाना सफर' की शुरुआत की गयी है।
इस अभियान के तहत खेल एवं कहानियों के जरिये मलिन बस्तियों में परिवार नियोजन की महत्ता तथा उपलब्ध सेवाओं की जानकारी दी रही है| इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधीन कार्य कर रही पीएसआई (पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल) ने महानगर में 70 से 80 मलिन बस्तियों को चिन्हित किया है। सुहाना सफर के माध्यम से मलिन बस्तियों में पहुंचकर लोगों को परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है। 11 जुलाई को मुख्य चिकित्सा कार्यालय से इसका शुभारंभ किया जा चुका है।
शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी, डॉ ऐके सिंह ने बताया कि अब हमें लोगों को जागरूक करने की जरूरत है और परिवार नियोजन के तरीको से आम जन में क्या फर्क आया है यह भी जानने की जरूरत है। इसी के साथ उन्होने उम्मीद जताई कि इस तरह की गतिविधियों से एक बेहतर परिणाम मिल सकता है। यदि परिवार नियोजन के लिए लोगों में जागरूकता आई तो बहुत हद तक हम महिला और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते है।
पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल के प्रोग्राम मैनेजर, अनिल द्विवेदी ने बताया कि 11 जुलाई से जनपद के शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के माध्यम से जनसामान्य में परिवार नियोजन संबंधी जागरूकता बढ़ाने के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इन्हीं कार्यक्रमों को और विस्तार देते हुए अब स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से पीएसआई संस्था ने 'सुहाना सफर' अभियान का शुभारंभ किया है। परिवार नियोजन संबंधी जागरूकता बढ़ाने और जनसामान्य को उपलब्ध नि:शुल्क सेवाओं की जानकारी देकर उनका उपयोग करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
पीएसआई के प्रोग्राम मैनेजर ने बताया कि परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने को चार सदस्यों की टीम मलिन बस्तियों में जाकर लोगों को खेल व कहानियों के माध्यम से जागरूक कर रही हैं । प्रतिदिन छह से सात बैठकें प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं के साथ की जा रही हैं । एक से डेढ़ घंटे की इस बैठक में खेल व कहानियों के माध्यम से परिवार नियोजन की महत्ता तथा उपलब्ध सेवाओं की जानकारी दी जा रही हैं । बैठक को दिलचस्प बनाने के लिए महिलाओं के मेंहदी लगाने की भी व्यवस्था की जा रही हैं । जागरूकता दल एक दिन में लगभग 100 महिलाओं से संपर्क कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है। ये जागरूकता अभियान 9 अगस्त तक चलेगा--सूत्र