सीड ने उत्तर प्रदेश में क्लीन एयर इंप्लीमेंटेशन नेटवर्क का किया शुभारंभ-नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के क्रियान्वयन की दिशा में काम करेगा कैन नैटवर्क
लखनऊ, 23 अक्टूबर 2019-उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वायु की गुणवत्ता बहुत ही खराब है जो बड़ी संख्या में समयपूर्व मौतों का कारण है | ग्लोबल बर्डन डिजीज की रिपोर्ट के अनुसार देश में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में उत्तर प्रदेश राज्य सबसे आगे रहा है | यह बातें मेयर संयुक्त भाटिया ने जिले के एक होटल में गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एनर्जी डेव्लपमेंट (सीड )द्वारा आयोजित “क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क( कैन )” के लॉंच होने के अवसर पर कहीं | यह नेटवर्क राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम(एनकैप ) के क्रियान्वयन के लिए सूबे के चुने हुये 15 शहरों में स्वच्छ वायु की दिशा में काम करेगा |
डॉ. संयुक्ता भाटिया ने कहा कि लखनऊ में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी का रिकॉर्ड किया जाता रहा है और वर्ष 2018 में पार्टिकुलेट मैटर PM10 का सालाना मध्यमान 217 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था | आज कानपुर और प्रयागराज सहित अन्य शहर भी वायु प्रदूषण से अछूते नहीं हैं | नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल किए गए शहरों में महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा शहर प्रदूषित हैं | हमें राज्य सरकार के साथ मिल कर इस कार्यक्रमों के प्रावधानों को ठोस तरीके से अमल में लाने के लिए काम करना चाहिए |
सीड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर रमापति कुमार ने कहा कि भारत में वायु प्रदूषण का मुद्दा निर्णायक बिन्दु पर पहुँच गया है | इसके समाधान के लिए पहले हमें इरादे और क्रियान्वयन के बीच की दूरी को पाटना होगा | रमापति ने कहा कि 15 जिलों में यह नेटवर्क स्थानीय क्रियान्वयन एजेंसियों के साथ मिलकर जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा ताकि जमीनी स्तर पर बदलावों को संभव होते देखा जा सके |
सीड की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अंकिता ज्योति ने बताया – एनकैप भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य 2017 के आधार वर्ष पर 2024 तक देश के चुनिन्दा 122 शहरों की वायुमंडल में घुल रहे हानिकारक और जानलेवा पार्टिकुलेट मैटर को कम करना है | कैन नेटवर्क राज्य के लगभग 200 सिविल सोसाइटी संगठनों, बुद्धजीवी समूहों, अकादमिक जगत और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर उन्हें सशक्त बनाएगा और स्थानीय स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करते हुये क्रियान्वयन एजेन्सियों के साथ मिलकर काम करेगा | यह नेटवर्क एनकैप के दिशा निर्देश के अनुरूप जमीनी स्तर पर वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्थानीय एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों से संबन्धित रिपोर्ट भी समय-समय पर प्रकाशित करेगा | अंकिता ने बताया – प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक, ईंधन में मिलावट की जांच पड़ताल, भवन निर्माण आदि के दौरान निकलने वाले धूल-गर्द पर नियंत्रण, जैव ईंधन जैसे कृषि अवशेष-खूंट, पराली , पुआल आदि को खुले में जलाने के खिलाफ व्यापक अभियान, एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों को बढ़ाना और एयर क्वालिटी इंडेक्स के जरिये आम लोगों के बीच प्रचार अभियान चलाया जाएगा |