नवजात देखभाल सप्ताह पर विशेष-प्री मेच्योर नवजात को हाइपोथर्मिया का ज्यादा खतरा



  • नवजात के शरीर का तापमान 36.5 डिग्री से कम हो तो समझो बच्चा ठंडे बुखार की चपेट में 

लखनऊ, 16 नवम्बर-2019-नेहा(काल्पनिक नाम ) को प्री मेच्योर लड़की हुयी जिसका वजन 1060 ग्राम था | एक दिन उसकी  बेटी का शरीर बिलकुल ठंडा हो गया, वह बहुत घबरा गयी और डाक्टर के पास गयी तब डाक्टर ने बताया कि उसकी बेटी को ठंडा बुखार यानि हाइपोथर्मिया हुआ है | इस स्थिति में शरीर का तापमान कम हो जाता है | उन्होने स्किन-स्किन कांटेक्ट के माध्यम से शरीर का तापमान नियंत्रित करने के बारे में बताया |

क्या होता है हाइपोथर्मिया?
रानी अवन्तीबाई जिला महिला अस्पताल, लखनऊ के  बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान बताते हैं- हाइपोथर्मिया की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब नवजात के शरीर का तापमान 36.5 डिग्री से कम हो जाता है या नवजात का शरीर पर्याप्त गर्मी नहीं पैदा कर पाता है | डॉ. सलमान बताते हैं – यदि नवजात के हाथ, पैर व पेट ठंडे हों तो सबसे पहले उसे माँ के सीने से लगाकर कंगारू मदर केयर (केएमसी) देकर उसके शरीर का तापमान नियंत्रित करना चाहिए | जिस कमरे में नवजात रहता है, उसे भी गरम रखना चाहिए | डॉ. सलमान ने बताया - जाड़े में नवजात को सामान्य कपड़ों से 2 या 3 अधिक कपड़े पहनाएँ | बच्चे के हाथ, पैर व सिर ढक  कर रखें | उन्हें खुले में न छोड़ें | माँ का दूध अवश्य पिलाएँ, यह  हाइपोथर्मिया से बचाता है |

डॉ. सलमान ने बताया- ऐसे बच्चे जिनका जन्म समय से पहले हो जाता है और वजन 2.5 किग्रा से कम होता है तब इस स्थिति में नवजात में हाइपोथर्मिया या ठंडे बुखार के होने की संभावना अधिक होती है | इस स्थिति से निपटने के लिए केएमसी विधि का प्रयोग किया जाता है | इस विधि में नवजात शिशु को माता/पिता/देखभालकर्ता द्वारा त्वचा से दी जाने वाली थेरेपी से नियंत्रित किया जाता है |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में 170 केएमसी लाऊंज संचालित हैं |