उत्सव के रूप में मनेगा मातृत्व वंदना सप्ताह-दो से आठ दिसंबर तक मनाएंगे सप्ताह, आयोजित होंगी विभिन्न गतिविधियां



  • थीम - “एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण की ओर-सुरक्षित जननी-विकसित धारणी”
  • अगले माह दिसम्बर तक करीब 27.5 लाख को लाभान्वित करने का लक्ष्य
  • सप्ताह के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को किया जाएगा पुरस्कृत

लखनऊ, 28 नवम्बर-2019 । मातृ मृत्यु दर को कम करने पर सरकार का पूरा ज़ोर है। इसी को ध्यान में रखते हुए जनवरी 2017 में शुरू की गयी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना इस दिशा में बहुत ही कारगर साबित हुई है। योजना के तहत 31 दिसम्बर 2019 तक करीब 27.5 लाख गर्भवती/धात्री महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरे प्रदेश में दो से आठ दिसम्बर तक मातृत्व वंदना सप्ताह मनाने का निर्णय लिया गया है। योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को बेहतर देखभाल और सही पोषण के लिए तीन किश्तों में पाँच हजार रुपए दिये जाते हैं।

​मातृत्व वंदना सप्ताह को पूरे प्रदेश में उत्सव के रूप में मनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की कार्यकारी अधिशासी निदेशक-सिफ़्सा/कार्यवाहक मिशन निदेशक जसजीत कौर की तरफ से सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा भी सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी करके इस सप्ताह को प्राथमिकता पर मनाने को कहा गया है। पत्र के मुताबिक गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी हर जिले में दो से आठ दिसम्बर तक मातृत्व वंदना सप्ताह को एक उत्सव के रूप में मनाकर ज्यादा से ज्यादा गर्भवती/धात्री महिलाओं को योजना का लाभ पहुंचाया जाये। इस बार इस सप्ताह की थीम “एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण की ओर-सुरक्षित जननी, विकसित धारणी” रखी गयी है। इस सप्ताह के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों को दो चरणों में बांटा गया है। पहले वर्ग में जनसंख्या के आधार पर (दो समूहों में) एक करोड़ से कम एवं एक करोड़ से अधिक वाले राज्यों को रखा गया है और पुरस्कार का निर्धारण योजना के शुरुआत से अत्यधिक लाभार्थी के पंजीकरण के आधार पर होगा। हर समूह में पुरस्कार तीन अच्छे राज्यों और तीन जिलों को दिया जाएगा। दूसरे वर्ग में उन तीन राज्यों को पुरस्कृत किया जाएगा जिन्होने मातृ वंदना सप्ताह की अवधि में सर्वाधिक पंजीकरण कराया होगा। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष बेहतर प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरष्कार मिला था।

क्या कहते हैं आंकड़े :
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के राज्य नोडल अधिकारी राजेश बांगिया का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को दिसम्बर 2019 तक करीब 25.6 लाख महिलाओं को इस योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य दिया गया है, उसी के मुताबिक राज्य द्वारा करीब 10 फीसद लक्ष्य को बढ़ाकर 27.5 लाख रखकर काम किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में करीब 22.53 लाख को लाभान्वित कर करीब 88 फीसद लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। पोर्टल पर अब तक करीब 56.26 लाख आवेदन रजिस्टर्ड हैं। योजना के तहत अब तक करीब 8.18 अरब का भुगतान किया जा चुका है।  

क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना :
योजना के तहत पहली बार माँ बनने वाली महिला को 5000 रुपए की धनराशि दी जाती है। पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती महिला को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपए दिये जाते हैं। प्रसव पूर्व पहली जांच तथा गर्भावस्था के छ्ह माह पर दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपए और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और टीकाकारण का प्रथम चक्र पूरा होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपए दिये जाते हैं। यह सारे भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किए जाते हैं। इस योजना के तहत ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है ताकि योजना का लाभ सही पात्र व्यक्ति को मिल सके। यह योजना अमीर, गरीब व किसी भी जाति व बंधन से मुक्त है। केवल सरकारी महिला कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं ले सकती हैं।

सप्ताह के दौरान की गतिविधियां :
इस सप्ताह के हर दिन की अलग-अलग गतिविधि तय की गयी है। पहले दिन कार्यक्रम के उदघाटन के साथ योजना के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाएगा। दूसरे दिन ग्राम सभा/शहरी स्थानीय निकायों के साथ योजना के उद्देश्यों को लेकर बैठक होगी, मैराथन और प्रभातफेरी का आयोजन किया जाएगा और सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर योजना के प्रचार-प्रसार के लिए पैम्फलेट बांटे जाएँगे। तीसरे दिन आशा कार्यकर्ता व संगिनी और एएनएम घर-घर जाकर लाभार्थियों के फार्म भरवाएंगी। चौथे दिन शिविर लगाकर अथवा स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक कर बैंक, पोस्ट आफिस और आधार संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। पांचवें दिन विशेष अभियान चलाकर करेक्शन क्यू को समाप्त किया जाएगा। छठे दिन स्थानीय निकाय पर महिला सामुदायिक कार्यक्रम लाभार्थियों के लिए आयोजित किए जाएँगे, जिसके तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मिलने वाले पुष्टाहार (टीएचआर) से स्वास्थ्यवर्धक भोजन बनाने की विधियों का आयोजन, मौसमी फलों व सब्जियों के उपभोग को प्रोत्साहित करना, स्वास्थ्य, पोषण, एवं स्वच्छता विषय पर ज्ञानवर्धक खेलों का आयोजन, लाभार्थियों द्वारा अपने अनुभवों को साझा करना आदि आयोजन होंगे। सातवें यानि आखिरी दिन राज्य स्तर पर डेवलपमेंट पार्टनर, संबन्धित क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ को आमंत्रित करना, अच्छा प्रदर्शन करने वाले ब्लाकों एवं उनके अधिकारियों, आशा,संगिनी, एएनएम और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। लाभार्थी अपने अनुभवों को साझा भी करेंगे।