काकोरी सीएचसी में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुया आयोजित



लखनऊ - काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर शुक्रवार को एक अगस्त से 7 अगस्त तक आयोजित होने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह, 2 अगस्त से 17 अगस्त तक आयोजित होने वाले सघन दस्त नियंत्रण पखवाडा (आईडीसीएफ) और दो से 11 अगस्त तक चलने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम को लेकर आशा कार्यकर्ताओ,स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारीं का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डा. दिलीप कुमार भार्गव ने कहा-  विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आयोजित होने वाले (ग्राम स्वास्थय पोषण दिवस) वीएचएनडी के साथ ही गृह भ्रमण में मां और परिवार के सदस्यों को नवजात को स्तनपान के लाभ के बारे में बताएंगी कि छह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराना है । पानी तक नहीं देना है  स्तनपान कराने से बच्चा संक्रमण से बचा रहता है, उसे बीमारियां नहीं होती हैं और प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है । स्तनपान कराना  महिला के लिए प्राकृतिक गर्भनिरोधक का काम करता है । छह माह तक शिशु को की स्तनपान कराने से मां को जल्दी गर्भ नहीं ठहरता है । चिकित्सा अधीक्षक ने बताया - समुदाय में मां और परिवार के सदस्यों को यह संदेश देना है कि मां यदि कोविड से ग्रसित है तो भी वह शिशु को स्तनपान करा सकती है लेकिन स्तनपान कराने से पहले 40 सेकेंड तक हाथ धोना और नाक व मुंह को मास्क से ढ़क कर रखना है ।

स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शशि भूषण ने बताया- कृमि मुक्ति सप्ताह के दौरान एक  से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों, किशोर एवं किशोरियों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलानी है |दवा अपने सामने ही खिलानी है साथ ही समुदायमें लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित भी करना है |

ब्लॉक समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक प्रदुम्न कुमार मौर्य ने बताया - आईडीसीएफ के दौरान आशा कार्यकर्ता वीएचएनडी के सत्रों और ऐसे घरों का भ्रमण कर जहां 5 साल से कम आयु के बच्चे हों, परिवार के सदस्यों को दस्त की रोकथाम के बारे में बताने के साथ ही मौखिक निर्जलीकरण घोल (ओआरएस) बनाकर दिखाएंगी एवं ओ.आर.एस. के पैकेट का वितरण भी करेंगी | इसके साथ ही वह यह भी बताएंगी कि साफ सफाई रखने से और छह माह तक केवल स्तनपान कराने से नवजात को दस्त से बचा सकते हैं । दस्त होने से शरीर में पानी और लवणों की कमी हो जाती है ऐसे में ओ आर एस का घोल शरीर में पानी और लवणों  की कमी को पूरा करता है । नवजात में दस्त होने पर भी स्तनपान जारी रखना है । छह माह की आयु के ऊपर की बच्चों में दस्त होने पर उन्हें स्तनपान के साथ ऊपरी आहार देना है | प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिभाग किया गया |