दस्‍तक अभियान के दौरान स्कूल न जाने वाले बच्‍चों की सूचना भी दें फ्रंटलाइन वर्कर्स



  • आज से शुरु होगी घर घर दस्‍तक, संचारी रोगों से बचाव के लिए जागरुकता
  • कोविड को लेकर बरती जा रही है विशेष सतर्कता, दस्‍तक नहीं देना बल्कि बोलना होगा

संतकबीरनगर - विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का दूसरा चरण दस्‍तक अभियान सोमवार से शुरु होगा। इसके लिए आवश्‍यक तैयारियां पूरी करते हुए फ्रंटलाइन वर्कर्स को स्‍कूल चलो अभियान में भी सहयोग करना होगा। दस्‍तक के दौरान वह किसी घर में जायेंगी तो स्कूल न जाने वाले बच्चोंकी भी सूचना एकत्र करेंगींऔर वह सूचना गांव के स्‍कूल के प्रधानाचार्य को देंगी। इस बात पर विशेष ध्‍यान रखा जाय।

यह जानकारी देते हुए मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने बताया कि दस्‍तक अभियान आगामी 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलाया जाएगा। इस दौरान जब आशा कार्यकर्ता व फ्रंट लाइन वर्कर्स घर घर जाएं तो संचारी रोगों के लक्षण, पहचान, बचाव के उपायों के बारे में जानकारी देंगी। इस दौरान वह इस बात की जानकारी भी करेगी कि किसी घर में स्‍कूल जाने के योग्‍य कोई बच्‍चा तो नहीं है। अगर है तो क्‍या वह स्‍कूल में नामित है। अगर वह नामित नहीं है तो ऐसे स्कूल न जाने वाले  बच्‍चों की सूचना संबंधित परिषदीय स्‍कूल के प्रधानाचार्य को इस बात की सूचना दें। इसके अतिरिक्‍त उस बच्‍चे के अभिभावक को प्रेरित करें कि वह स्‍कूल में बच्‍चे का दाखिला कराएं। मच्‍छरों से बचाव के लिए बच्‍चों को पूरी आस्‍तीन की कमीज पहनाएं तथा अपने आस पास सफाई बनाए रखें।

सीएमओ ने बताया कि सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं तथा 17 अप्रैल से दस्‍तक अभियान नो टच पालिसी को ध्‍यान में रखते हुए चलाया जाएगा। सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स कोविड नियमों का पालन करते हुए संचारी रोग नियंत्रण अभियान में सहयोग करें। इसके साथ ही सभी 12 विभाग जो इस अभियान में शामिल हैं वह अपने सारे इंडीकेटर्स पर काम करके निर्धारित लक्ष्‍य को 30 अप्रैल तक पूर्ण कर लें।

कोविड नियमों का करना होगा अनुपालन : दस्‍तक अभियान में आशा कार्यकर्ता पूरी तरह से नो टच पालिसी के तहत काम करेंगी। वह मास्‍क और सेनेटाइजर लेकर जायेंगी तथा किसी के दरवाजे आदि को स्‍पर्श नहीं करेगी बल्कि बोलकर जानकारी देगी। यही नहीं इस दौरान वह घर के अंदर भी नहीं जायेंगीं । सारे कार्य बाहर से ही पूरे किए जाएंगे। घर पहुंचने पर मास्‍क को उतारकर जला देंगीं या फिर मिटटी में धंसा देंगीं।

दस्‍तक के दौरान होंगी यह गतिविधियां : जेई व एईएस के तहत बुखार या दिमागी बुखार के लक्षणों की जानकारी लेंगीं|  कोविड के लक्षणों के अन्‍तर्गत सर्दी, जुखाम, बुखार , खांसी व सांस लेने में तकलीफ के बारे में जानकारी लेंगीं क्षय रोग के तहत दो हफ्ते से अधिक खांसी, बलगम, रात्रि में बुखार, सांस फूलने की दिक्‍कतों के बारे में जानकारी लेगी। घर में कुपोषित बच्‍चों की पहचान करेगी। मच्‍छर पैदा होने की स्थितियों का आंकलन करेगी।