एक कदम सुपोषण की ओर अभियान में अभी 13946 पंजीकरण



  • गर्भवती और धात्री माताओं को मिली आयरन और कैल्शियम टेबलेट

बाराबंकी - जनपद में चल रहे एक कदम सुपोषण की ओर अभियान में गर्भावस्था और प्रसव के उपरांत महिलाओं के पोषण पर जोर दिया जा रहा है। इसमें आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को आयरन, कैल्शियम, अल्बेंडाजोल व फॉलिक एसिड की गोलियां वितरित कर उन्हें इसके सेवन की विधि बता रही हैं। यह जानकारी देते हुए सीएमओ डा अवधेश कुमार यादव ने सभी पात्र लाभार्थियों से अभियान से जुड़ने एवं कार्यक्रम को सफल बनाने का अपील की है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान अभी करीब ई-कवच पर 13946 गर्भवती पंजीकृत हुई हैं। इनमें से पहली तिमाही और दूसरी तिमाही की अभी 670 से ज्यादा महिलाओं का पंजीकरण किया गया। साथ ही अब तक 17.56 लाख से ज्यादा आईएफए गोलियां वितरित की जा चुकी हैं। 29.43 लाख कैल्शियम की गोलियां गर्भवती को प्रदान की जा चुकी हैं। 13167 महिलाओं को फॉलिक एसिड व 6881 को एल्बेंडाजोल गोलियां दी जा चुकी हैं। साथ ही 34 महिलाओं को सुक्रोज इंजेक्शन दिया जा चुका है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी (आरसीएच) डॉ केएनएम त्रिपाठी ने कहा- एक गर्भवती के अच्छे स्वास्थ्य के लिए सुपोषण पर ध्यान देने की जरूरत होती है। गर्भवती स्वस्थ होगी तभी वह स्वस्थ शिशु को जन्म देगी। मातृ- शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए गर्भवती का स्वस्थ होना आवश्यक है। इसलिए शासन के निर्देश पर सूबे में सात जून से “एक कदम सुपोषण की ओर” कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। यह कार्यक्रम छह जुलाई तक चलेगा।

 नोडल अधिकारी ने बताया गर्भवती-धात्री माताओं और शिशु का स्वास्थ्य, दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। गर्भकाल में शिशु अपना भोजन मां के शरीर से प्राप्त करता है और जन्म के बाद स्तनपान से। गर्भवती व धात्री खुद को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से हरी सब्जियों का सेवन करें। कैल्शियम के लिए दूध-दही का सेवन करें। अभियान में आशा- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गंभीर तीव्र अति कुपोषित (सैम) बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें एनआरसी में उपचार के लिए रेफर करने को निर्देशित किया गया है।