नई दिल्ली (पीआईबी) - सरकार ने तस्करी पीड़ितों, विशेष रूप से नाबालिग लड़कियों व युवा महिलाओं के संरक्षण और पुनर्वास गृह स्थापित करने के लिए सीमावर्ती इलाकों के राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। ये घर आश्रय, भोजन, कपड़े, परामर्श, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य दैनिक आवश्यकताएं जैसी सेवाएं प्रदान करेंगे।
मिशन वात्सल्य योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार आर्थिक संरक्षण प्रदान करने हेतु फिट घोषित करने के लिए पीड़ित लड़कियों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और तदनुसार, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाएगा।
सरकार ने देश के हर जिले में मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) को स्थापित/मजबूत करने के लिए निर्भया फंड के तहत सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को धन मुहैया कराया है। इसके अलावा, बीएसएफ और एसएसबी जैसे सीमा सुरक्षा बलों में एएचटीयू को भी धन मुहैया कराया गया है। अब तक, सीमा सुरक्षा बलों के 30 सहित 788 एएचटीयू कार्य कर रहे हैं।