फाइलेरिया मरीजों की तलाश को घर-घर दस्तक सोमवार से



  • 17 से 31 जुलाई तक चलेगा दस्तक अभियान, फाइलेरिया के मरीजों की लिस्ट होगी तैयार
  • सीएचओ, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को किया गया प्रशिक्षित  
  • फाईलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम 10 अगस्त से

औरैया  - संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत पहली बार 17 से 31 जुलाई तक प्रस्तावित दस्तक पखवाड़े के दौरान नये फाइलेरिया रोगी भी ढूंढे जाएंगे । दस्तक पखवाड़े के दौरान लक्षणों को पूछ कर आशा कार्यकर्ता फाइलेरिया के मरीजों की लिस्ट तैयार करेंगी । नये फाइलेरिया (हाथीपांव) के मरीजों को एमएमडीपी किट दी जाएगी और रोग प्रबन्धन के तरीके सिखाए जाएंगे | यह कहना है संचारी रोगों के नोडल और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश सिंह का।

डॉ सिंह ने बताया की संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत जिले में एक जुलाई से हो चुकी है। इस अभियान के साथ ही जिले में दस्तक अभियान भी चलाया जाएगा। यह अभियान 17 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा। दस्तक अभियान में स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर दिमागी बुखार और अन्य वेक्टर जनित रोग, जल जनित रोग, क्षय रोग, कुष्ठ रोग के साथ ही फाइलेरिया के मरीजों की पहचान भी करेंगे। आशा और एएनएम घर घर जाकर लोगों को इन बीमारियों के उपचार व बचाव की जानकारी भी देंगी। उन्होंने बताया अभियान को सफल बनाने के लिए  शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारियों  का सहयोग लिया जायेगा ।

उन्होंने बताया की राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आगामी 10  अगस्त से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन अभियान (एमडीए) को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों का ब्लॉकवार ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर (डीए) प्रशिक्षण शुरू हो गया है। जिससे वह अपने कार्य क्षेत्र में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर भूमिका निभा सकें। अभियान की सफलता को लेकर सीएचसीवार आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों की टीमें बनाई गई हैं। यहीं टीमें 10 अगस्त से 28 अगस्त के मध्य घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगी।

फाईलेरिया उन्मूलन के लिये काम कर रहीं सहयोगी संस्था पीसीआई के जिला समन्वयक सुनील गुप्ता ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, इससे बचने का उपाय समय पर फाइलेरियारोधी दवा सेवन करना है, जिससे कि समय रहते फाइलेरिया के परजीवी पर नियंत्रण पाया जा सके। इसी क्रम में सीएचसी स्तर पर इस अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाने का काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वह घर-घर जाकर किस तरह से सभी लोगों को अपने सामने ही दवा खिलाएं।

साइड इफेक्ट्स से न घबराएं : डॉ. सिंह ने बताया कि 10 अगस्त से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन अभियान (एमडीए) में दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगे। दवा खाली पेट नहीं खानी है। दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है।