फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए वितरित की गई एमएमडीपी किट



10 अगस्त से खिलाई जायेगी फाइलेरिया रोधी दवा

हरदोई - स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से मंगलवार को अहिरौरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर फाइलेरिया  मरीजों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता रोकथाम  (एमएमडीपी) पर अभिमुखीकरण किया गया। इस मौके पर 72 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की गई जिसमें बाल्टी, मग, एंटीसेप्टिक क्रीम, तौलिया और साबुन था।

इस मौके पर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. समीर वैश्य ने फाइलेरिया रोगियों से कहा कि यह किट जो आपको दी गई है इसका उपयोग वह बीमारी से प्रभावित अंगों की  देखभाल के लिए ही करें। एक और विशेष बात है कि जनपद में 10 से 28 अगस्त तक फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने के लिए आईडीए राउंड चलेगा। आप सभी लोग स्वयं तो दवा खाएं इसके साथ ही अपने घर, आस पड़ोस और गाँव के लोगों को दवा खिलाने के लिए प्रेरित करें। किसी कारणवश आप लोगों ने दवा का सेवन नहीं किया जिसके कारण आपको यह बीमारी हुई। यह गलती अपने परिवार के सदस्यों या अन्य किसी को न करने दें क्योंकि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है।
अगर हो गई तो आजीवन ठीक नहीं होती और अगर ध्यान ना दिया तो व्यक्ति दिव्यांग भी हो सकता है।  

केवल इस बीमारी का प्रबंधन ही हो सकता है। इस मौके पर बायोलॉजिस्ट दयाशंकर यादव ने कहा कि आईडीए राउंड के तहत आशा कार्यकर्ता सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर तीन दवाएं आइवरमेक्टिन, एल्बेंडाजोल और डाईइथाईल कार्बामजीन खिलाएंगे। यह दवाएं एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है । दवा खाली पेट नहीं खाना है। उन्होंने उपस्थित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से कहा कि दवा सभी को अपने सामने खिलानी है। किसी को भी दवा खाने के लिए नहीं देनी है।

सीफॉर के प्रतिनिधि ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखरेख और व्यायाम करने के बारे में बताया और साथ में जानकारी दी कि लखनऊ, सहित प्रदेश के 10 जनपदों में संस्था ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से फाइलेरिया रोगी नेटवर्क सपोर्ट ग्रुप बनाया है। जिन्हें फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल और व्यायाम करने का प्रशिक्षण दिया गया है । सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों ने नियमित रूप से व्यायाम का अभ्यास किया है और एमएमडीपी किट का इस्तेमाल किया। जिससे उनके फाइलेरिया प्रभावित अंगों की  सूजन में भी काफी आराम मिला। इसके साथ ही फाइलेरिया के बारे में जानकारी मिलने के बाद नेटवर्क सपोर्ट ग्रुप के सदस्य अब अन्य लोगों को इस बीमारी से बचाव के बारे में  जागरुक कर रहे हैं।

फरवरी के महीने में लखनऊ में आईडीए अभियान चला था | इस अभियान में फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों ने अपने आस पास और गाँव के लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित किया।

इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक डा. मनोज कुमार सिंह,  अर्बन कॉर्डिनेटर संतोष श्रीवास्तव, बीपीएम गौरव कुमार, हेल्थ सुपर वाइजर, आशा कार्यकर्ता तथा आशा संगिनी, अन्य कर्मचारी और 72 फाइलेरिया रोगी उपस्थित रहे।