- नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत सघन मिशन इंद्रधनुष के तहत तीन चरणों में होगा टीकाकरण
- स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण
लखनऊ - जनपद में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से छूटे हुए पांच साल तक के बच्चों और गर्भवती के लिए ‘सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0’ अभियान तीन चरणों में चलाया जाएगा। इसका पहला चरण सात से 12 अगस्त तक चलेगा। दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर तक तथा तीसरा चरण नौ से 14 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा।
इस सम्बन्ध में बुधवार को जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार के निर्देश पर एडीएम प्रशासन डा. शुभि कानन की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक जिलाधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित हुई।
एडीएम प्रशासन ने उपस्थित चिकित्सा व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान में उच्च जोखिम, मलिन बस्तियों, दूर-दराज के क्षेत्रों में विशेष ज़ोर दिया जाए। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर सर्वेक्षण (हेड काउंट सर्वे) कराया जाए। टीकाकरण से छूटे हुए पाँच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती को चिन्हित कर ई-कवच पोर्टल पर अपलोड किया जाए। दो से पांच साल तक की आयु के बच्चों को मीजिल्स-रूबेला की पहली-दूसरी डोज़, ओपीवी व डीपीटी की बूस्टर डोज़ पर विशेष ज़ोर दिया जाए। लाभार्थियों को जागरूक कर टीकाकरण सत्र पर लाने के लिए प्रेरित करें और छूटे हुए बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण सुनिश्चित कराएं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. ए.पी. मिश्रा ने बताया कि अभियान के तहत टीकाकृत किए गए बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कवरेज की एंट्री ई-कवच पोर्टल पर की जाएगी। आईसीडीएस विभाग सहित महिला आरोग्य समिति और नगर निकाय का भी सहयोग लिया जाएगा।
जनपद में कुल घरों की संख्या 13.07 लाख से अधिक है, 25 जुलाई तक किये गए हेड काउंट सर्वे में 2.76 लाख से अधिक घरों का सर्वे कर लिया गया है, जिसके तहत जनपद में पेंटा/डीपीटी 1 के 998 बच्चे, पेंटा/डीपीटी 2 के 772, पेंटा/डीपीटी 3 के 670, एमआरआई 1 के 953, एमआरआई 2 के 914 बच्चों को और 799 गर्भवतियों को टीका लगाने का लक्ष्य है बाकि अभी सर्वे जारी है| अभियान में ‘पाँच साल-सात बार’ टीकाकरण पर ज़ोर देते हुए जन्म से पांच साल तक बच्चे किसी भी टीका से वंचित न रहे, इसपर जोर दिया जायेगा।
इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए.पी. सिंह, डा. के.डी. मिश्रा, नगरीय व ग्रामीण सीएचसी के चिकित्साधीक्षक, नगरीय एवं शहरी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, एआरओ प्रतिरक्षण, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, चाई, यूएनडीपी, यूपीटीएसयू और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे ।