जिले में परिवार नियोजन को लेकर समुदाय में आई जागरूकता



  • परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने वालों की बढ़ी तादाद
  • एनएफएचएस-5 की हाल में आई रिपोर्ट से इस पर लगी मुहर

लखीमपुर - परिवार नियोजन को लेकर जनपद के लोगों में जहां समझ बढ़ी है वहीं दो बच्चों के जन्म के बीच पर्याप्त अंतर रखने के लिए परिवार नियोजन के किसी न किसी अस्थायी साधन को अपनाने वालों की तादाद भी बढ़ी है | यह साबित होता है हाल ही में आई राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5)  2020-21 की रिपोर्ट से |

एनएफएचएस – 4 (2015-16) की रिपोर्ट के अनुसार जनपद में जहां 30.8 फीसद लोग परिवार नियोजन के किसी न किसी साधन को अपनाते थे वहीं एनएफएचएस -5 (2020-21) की रिपोर्ट में यह तादाद बढ़कर  54.9 फीसद पर पहुँच गई | इस तरह पिछले चार-पाँच साल में परिवार नियोजन के किसी न किसी साधन को अपनाने वालों की तादाद करीब 24 फीसद बढ़ी है |  वर्ष 2015-16 में जहां 24.4 फीसद लोगों तक परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों की पहुँच थी वहीं 2020-21 में बढ़कर 37.9 हो गई है |

महिला नसबंदी की स्वीकार्यता  में  साल 2015-16 के मुकाबले साल 2020 -21 में चार  फीसद का इजाफा हुआ है | साल 2015-16 में जहां 16.8 फीसद महिलाओं ने इस  प्रक्रिया को अपनाया वहीं 2020 -21 में 20.8 फीसद महिलाओं ने नसबंदी को चुना | परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों  में आईयूडी/प्रसव पश्चात आईयूडी और कंडोम  महत्वपूर्ण हैं | इनमें भी 2015-16 के मुकाबले में बढ़ोत्तरी हुई है |   वर्ष 2015-16 में जहां चार  फीसद पुरुषों ने कंडोम  को अपनाया वहीं वर्ष 2020-21 में 11.2 फीसद पुरुषों ने इसे अपनाया |

दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने में आईयूसीडी/प्रसव पश्चात आईयूसीडी महिलाओं के लिए बहुत सुरक्षित मानी जाती है | साल 2015-16 में जहां केवल 0.8 फीसद महिलाओं ने इसमें अपनी रुचि दिखाई वहीं 2020-21 में यह आंकड़ा 0.8 से बढ़कर 1.5 हो गया है |

परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अश्विनी कुमार बताते हैं – एनएफएचएस -5 में बढ़ोत्तरी स्वागत योग्य है | यह  बढ़ोत्तरी साबित करती है कि लोगों में परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता बढ़ी है | एनएफएचएस -5 के अनुरूप परिवार नियोजन के सभी साधनों को अपनाने वाले लाभार्थियों की संख्या बढ़ी है | इसके पीछे जनपद द्वारा किये जा रहे निरंतर प्रयास हैं | यदि जनपद के पिछले तीन वर्षों की उपलब्धियों को देखें तो सभी साधनों के में वृद्धि दर्ज की गई है जो लोगों की जागरूक मानसिकता का परिचायक है |