नई दिल्ली(डेस्क) - भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। देश को आजादी मिलने के 76 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को परिवारजनों के नाम से संबोधित किया है और कुछ योजनाओं का भी जिक्र किया है।
अपने सम्बोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए अगले महीने 13,000-15,000 करोड़ रुपये के शुरुआती खर्च के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करने की घोषणा की है।
बता दें कि बजट 2023 में ‘विश्वकर्मा योजना’ की घोषणा की गई थी, जिसका मकसद कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की क्वॉलिटी, पैमाने और पहुंच में सुधार करना और उन्हें घरेलू और ग्लोबल मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करना है। इस योजना के जरिए देश के छोटे कामगारों और कारीगरों की आर्थिक मदद की जाएगी जिसके तहत उन्हें लोन से लेकर ट्रेनिंग, एडवांस टेक्नीक की जानकारी और स्किल से जुड़ी मदद भी दी जाएगी। इस स्कीम की मदद से छोटे कामगारों, कारीगरों, काश्तकारों को MSME से जुड़ने और उनके बारे में जानने का मौका मिलेगा।
15 हजार करोड़ रुपये की इस विश्वकर्मा योजना के जरिए सुनार, लोहर, हेयर ड्रेसर, धोबी और राजमिस्त्री और वेंडर्स जैसे पारंपरिक व्यव्साय के लोगों को भी 15,000 करोड़ रुपये की सहायता से कारोबारी मदद दी जाएगी। यह योजना सितंबर में विश्वकर्मा जयंती पर लॉन्च की जाएगी। विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 को है।