जिला स्वास्थ्य समितियां त्वरित नियुक्ति प्रक्रिया से संविदा चिकित्साधिकारियों को देंगी तैनाती



  • जिला स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से होगी नियुक्तियाँ

लखनऊ -  प्रदेश में आम जनमानस को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की दिशा में समर्पित प्रदेश सरकार ने विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य इकाइयों में चिकित्साधिकारियों की कमी को देखते हुए जनपद स्तर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के सहयोग से संविदा पर नियुक्ति का निर्णय लिया है। इस हेतु प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन,अध्यक्ष, राज्य कार्यकारी समिति  के स्तर से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समितियों को पत्र प्रेषित पारदर्शी एवं त्वरित नियुक्ति प्रक्रिया अपनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।  

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के अंतर्गत भारत सरकार से जनपद स्तर पर अनुमोदित पदों और मानदेय के अनुसार होगी चिकित्साधिकारियों (एमबीबीएस) की भर्ती। इन भर्तियों में प्रदेश शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा।

पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भर्ती-प्रक्रिया का विज्ञापन 02 मुख्य समाचार पत्रों में  प्रकाशित कराया जाएगा और जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी के सूचना पट पर चस्पा किया जाएगा। जिलाधिकारी को नियुक्ति समिति का अध्यक्ष, मुख्य चिकित्साधिकारी को संयोजक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, मुख्य कोषाधिकारी और जिला लेखा प्रबंधक की सदस्यता की नियुक्ति समिति गठित की जायेगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मियों को लागू मानव संसाधन नीति के तहत अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर आवेदन का अधिकार है । पूर्णतया अस्थाई संविदा तैनाती को यथावश्यक कार्य मूल्यांकन के आधार पर वर्षानुवर्ष बढाया जा सकता है। अंतिम रूप से चयनित चिकित्साधिकारियों(एमबीबीएस) को जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के नोटिस बोर्ड और एनआईसी की वेबसाईट के माध्यम से सूचना प्राप्त होगी । वॉक-इन के माध्यम से जनपद स्तर पर संचालित की जाने वाली इस चयन प्रक्रिया में जनपद हेतु पूर्व में स्वीकृत नियमित और संविदा के पदों के सापेक्ष रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी की जा रही है। भर्ती प्रक्रिया से सम्बंधित शिकायत, वाद-विवादध्कोर्ट केस, आरटीआई एवं अन्य विवादों का निस्तारण एवं उत्तरदायित्व जिला स्वास्थ्य समितियों का होगा।