लगातार तीन वर्ष रहेगी टीबी मुक्त ग्राम पंचायत तो मिलेगी स्वर्ण प्रतिमा



  • जनपद के सभी ब्लॉकों में शुरू होगा टीबी मुक्त पंचायत अभियान
  • पंचायत व सामुदायिक स्तर पर होंगी जन जागरूक गतिविधियां

कानपुर नगर - राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) व प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत होगी । अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में लगातार तीन साल अगर कोई नया टीबी रोगी नहीं मिलता है तो उस पंचायत के ग्राम प्रधान को राज्य से स्वर्ण प्रतिमा दी जायेगी । इस अभियान का उद्देशय ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करके पूरे ब्लॉक को टीबी मुक्त करना है जिससे ब्लॉक से जिला, जिले से प्रदेश और प्रदेश से देश को टीबी मुक्त करने का सपना साकार होगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने और प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए विभाग प्रत्येक स्तर पर प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में जनपद में टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य पंचायत स्तर से टीबी मुक्त भारत की पहल करना और क्षय रोग से ग्रसित रोगियों को जल्द से जल्द उपचार कराकर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ करना है।
    
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान जनपद के सभी 10 ब्लॉकों के सभी ग्राम पंचायतों में शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया की जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना राज्य स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त कर जनपद में मास्टर ट्रेनर के रूप जनपद के प्रत्येक ब्लॉक/टीबी यूनिट पर तीन तीन ट्रेनर तैयार करेंगे जो आगे सामुदायिक स्तर पर ग्राम प्रधानों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे । इसके अलावा जनपद के सभी ब्लॉकों और नगरीय क्षेत्रों में सक्रिय टीबी रोगियों को खोजा जा रहा है। पॉज़िटिव रोगियों को तत्काल उपचार पर रखा जा रहा है। ट्रीटमेंट संपोर्टर (डॉट प्रोवाइडर) के माध्यम से मरीजों को नियमित दवा दी जा रही है। इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत सभी क्षय रोगियों को उपचार के दौरान हर माह रुपये सीधे उनके खाते में भेजे जा रहे हैं।
    
उप जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ राजेश्वर सिंह ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए समस्त तैयारियां पूरी की जा रही हैं। जल्द ही अभियान की शुरुआत की जाएगी। अभियान के तहत पंचायत व समुदायिक स्तर पर जन जागरूक गतिवीधियों के साथ ही सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान सघन रूप से संचालित किया जाएगा। अभियान का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा छिपे हुये टीबी रोगियों को खोजना और तत्काल प्रभाव से उनका उपचार शुरू करना है।

टीबी मुक्त भारत अभियान में ग्राम प्रधान निभाएंगे अहम भूमिका : एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) राजीव सक्सेना बताते हैं की राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व प्रधानमंत्री की वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने की मुहिम में ग्राम प्रधान भी अहम भूमिका निभाएंगे। सीएचओ, आशा एएनएम और एमओआईसी की सहभागिता से  महत्वपूर्ण इंडिकेटर पूर्ण कर ग्राम प्रधान अपने गांव को टीबी मुक्त करने का  दावा पेश करेंगे। जिसकी जांच स्वास्थ्य समिति द्वारा की जायेगी। जांच में सही पाये जाने पर पंचायत में एक साल तक एक भी टीबी का नया मरीज नहीं मिलेगा, उसे ब्रांज प्रतिमा। दो वर्षों तक नया मरीज नहीं मिलेगा उसे सिल्वर प्रतिमा और लगातार तीन वर्षों तक नया मरीज नहीं मिलेगा, उसे गोल्ड प्रतिमा प्रदान किया जाना है।