अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए धर्म और अध्यात्म है बेहद लाभकारी



लखनऊ - नेशनल पीजी कॉलेज, लखनऊ में राष्ट्रीय सेवा योजना प्रोजेक्ट यूथ फ्रेंडली क्लीनिक सिफ्सा के संयुक्त तत्वाधान में मानसिक स्वास्थ्य एवं लाइफ स्किल डेवलपमेंट विषय पर पांचवी संवेदीकरण कार्यशाला के क्रम में राजनीति विज्ञान विभाग के बी.ए. प्रथम सेमेस्टर के 50 छात्र -  छात्राओं के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता एवं नोडल अधिकारी तथा मास्टर ट्रेनर डॉ अर्चना सिंह एवं  डॉ रीना श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में संपन्न हुई l प्रथम सत्र का शुभारंभ मां सरस्वती वंदन एवं दया कर दान भक्ति का....प्रार्थना से  हुआ l

डॉ. अर्चना सिंह ने छात्रों का स्वागत करते हुए सिफ्सा के द्वारा चलाई जा रही मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्रोजेक्ट के बारे में, मेडिटेशन तथा स्वस्थ शरीर मैं स्वस्थ मस्तिष्क का निवास के बारे में बताया और कहा आध्यात्मिकता निश्चित रूप से एक अन्य प्रचलित शब्द से कहीं अधिक है, भले ही अलग-अलग लोगों के लिए इसका मतलब अलग-अलग हो। कुल मिलाकर, यह हमारे जीवन में अर्थ और उद्देश्य खोजने के लिए गहराई तक जाने के बारे में है। आध्यात्मिकता आपके जीवन में मूल्य की गहरी भावना ला सकती है और तो और, यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है। शोध से पता चलता है कि ध्यान दिमाग और शरीर को संतुलित करने में मदद कर सकता है और साथ ही दिल पर तनाव भी कम करता है। यह एंडोर्फिन का निर्माण करता है, और बेहतर मानसिक और भावनात्मक स्थिरता सुनिश्चित करता है। आध्यात्मिक व्यक्ति का सम्पूर्ण जीवन खुशमिजाज़ और उसका व्यक्तित्व निखरता है।

रवि शंकर रैना, नैदानिक मनोवैज्ञानिक टेली  मानस, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ ने एंग्जायटी डिसऑर्डर, मूड डिसऑर्डर,  साइकोएनालिसिस और मेंटली डिसऑर्डर, पर्सनालिटी डिसॉर्डर, OCD एवं तनाव से संबंधित मनोविकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा  सरकार द्वारा चलाई जा रही सेवाओं के बारे में बताया उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य में हमारा भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण शामिल होता है। यह हमारे सोचने, समझने, महसूस करने और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है। तनाव प्रबंधन के लिए शारीरिक एक्सरसाइज भी कराई।

द्वितीय सत्र में डॉ रीना श्रीवास्तव ने किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य की उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी l

डॉक्टर अर्चना सिंह ने समूह विभाजन कर छात्रों को युवाओं के मानसिक समस्याएं और उनके समाधान को कागज पर लिखकर उसको व्यक्त करने को कहा l कार्यक्रम में समस्त छात्रों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया l