पंचायत की विकास योजनाओं में टीबी मुक्त पंचायत की गतिविधियों को शामिल किया जाए



  • टीबी मुक्त पंचायत अभियान की तैयारियों को लेकर मुख्य विकास अधिकारी ने की बैठक
  • सीडीओ ने ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित करने के दिए निर्देश

लखनऊ - मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल ने कहा कि पंचायत की विकास योजनाओं में टीबी मुक्त पंचायत की गतिविधियों को शामिल किया जाए। इसके साथ ही समुदाय को टीबी के लक्षणों, जांच और इलाज के बारे जागरूक किया जाए। यह निर्देश उन्होंने राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मुक्त पंचायत एवं फैमिली केयर गिवर कार्यक्रम को लेकर मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय सभागार में बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में दिये। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये कि टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए ब्लॉक स्तर पर सभी ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित किया जाए।

उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत बनाने में पंचायत विभाग के साथ  स्वास्थ्य विभाग की अहम भूमिका है। बैठक में जिला क्षयरोग अधिकारी के साथ ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी व पीएचसी) के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस), टीबी होम विजिटर (टीबीएचवी), सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं की इस मुहिम में अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गयी।

इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के. सिंघल ने बताया कि इस अभियान के पहले चरण में पहले से ही टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों की जानकारी और उनका विवरण एकत्र किया जा रहा है। इसके अलावा जिला स्तर पर प्रशिक्षकों को शीघ्र ही प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो कि ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत मित्र, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण लेने के बाद में यह लोग समुदाय को टीबी के लक्षण, रोकथाम, भ्रांतियों को दूर करने, उपचार, जांच और उपलब्ध सुविधाओं समेत टीबी रोगियों के लिए सरकार की ओर से प्रदान किये जाने वाले विभिन्न लाभों के बारे में जागरूक करेंगे।
 
इस प्रक्रिया के तहत बीडीओ संबंधित ब्लॉक की टीबी मुक्त पंचायत की सूची जिला क्षयरोग अधिकारी को सत्यापन के लिए भेजेंगे। जिला क्षय रोग अधिकारी इसकी जांच कर सत्यापित सूची जिलाधिकारी को भेजेंगे। इसी के आधार पर हर साल विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर जिलाधिकारी एक साल की वैधता के साथ टीबी मुक्त पंचायत का प्रमाण पत्र जारी करेंगे।  

आशा कार्यकर्ता टीबी मरीजों की जानकारी आशा डायरी में दर्ज करेंगी, टीबी रोगियों की पहचान करेंगी और जांच में मदद करेंगी। टीबी मरीजों को दवा मुहैया कराएंगी और पोषण सलाह के साथ उपचार पालन और पूरे इलाज का परामर्श देंगी। वह बैंक खाते का विवरण दर्ज कराएंगी ताकि इलाज के दौरान टीबी रोगियों को सही पोषण के लिए हर माह निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये मिल सकें।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि बक्शी का तालाब ब्लॉक में स्वयंसेवी संस्था सीआरएस द्वारा 17 ग्राम पंचायतों में काम किया जा रहा है। इस अवसर जिला पंचायती राज  अधिकारी, सभी ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी,  जिला विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, यूपीएसआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप और एनटीईपी की जिले की टीम  मौजूद थी |