गांव के मुखिया संभालेंगे टीबी मुक्त पंचायत की ज़िम्मेदारी



  • टीबी मरीजों की देखभाल को शिक्षित होंगे परिवार के सदस्य
  • टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रशिक्षकों का हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण

औरया - प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आम जनमानस को टीबी के लक्षण, उपचार, जांच व उपलब्ध सरकारी सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए  पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में शुक्रवार देर शाम तक  चले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर, राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम व  पंचायती राज विभाग के कर्मचारी शामिल हुए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि इस पहल से जहां एक ओर टीबी मरीज की देखभाल के लिए परिवार का एक सदस्य तैयार होगा वहीं इस रोग के बारे में जागरूकता बढ़ने से टीबी मुक्त पंचायत की अवधारणा भी साकार होगी । उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत के सपने को साकार करने के लिए टीबी के लक्षणों, जांच और इलाज के बारे में लोगों का जागरूक होना आवश्यक है इसके लिए पंचायती राज विभाग को भी शामिल किया गया है। इस कवायद से संभावित टीबी मरीजों की जांच  में इजाफा होगा और सम्पूर्ण इलाज कर अधिक से अधिक मरीजों को टीबी से मुक्त करने में मदद मिलेगी ।  

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ संत कुमार ने बताया कि जिला स्तरीय प्रशिक्षक सभी ब्लाकों में ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को प्रशिक्षण देंगे ।  प्रशिक्षण उपरान्त सभी मिलकर क्षय रोगियों की जल्दी पहचान और उपचार के लिए उन्हें प्रेरित करेंगे । उन्होंने बताया ऐसे ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जाएगा जिसमें एक वर्ष में प्रत्येक 1000 की आबादी पर 30 संभावित मरीज खोज कर उनकी जांच कराई गयी हो , तथा 1000 की आबादी में एक या एक से कम टीबी मरीजों की संख्या हों । साथ ही जांच में टीबी की पुष्टि होने वाले मरीजों की एमडीआर जांच की गयी हो ।  इसके अलावा पंचायत के सभी टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना की कम से कम एक किस्त जारी की गयी हो ।  

मास्टर ट्रेनर रविभान सिंह बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए  प्रत्येक टीबी मरीज के परिवार से एक सदस्य को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वह मरीज के सम्पूर्ण उपचार व पोषण  में मदद करने के साथ ही टीबी प्रसार को रोकने में मरीज की सहायता कर सके। इसके लिए हर टीबी यूनिट से एक मेडिकल ऑफिसर, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का एक कर्मचारी और पंचायती राज विभाग के एक कर्मचारी शामिल किया गया है ।

इस मौके पर उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ ए पी सिंह, स्टेट से एस टी डी सी निदेशक डॉ संजीव लवानिया सहित एडीओ पंचायत, बीपीएम, बीसीपीएम सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे ।