- निक्षय मित्र रेडक्रॉस सोसायटी ने 50 क्षय रोगियों को पोषाहार प्रदान किया
औरैया - जनपद में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान व राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत गुरुवार को रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन द्वारा पूर्व में लिए गए 50 क्षय रोगियों को पोषण किट का वितरण किया गया। जिला क्षयरोग केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला क्षयरोग अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकार, समाज सेवियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, औद्योगिक एवं शैक्षिक संस्थानों के माध्यम से रोगियों को गोद लेकर पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। यह एक अच्छी पहल है, इससे उन्हें पोषण के साथ भावनात्मक सहयोग मिलता है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के लिए सभी के साझा प्रयास की बड़ी जरूरत है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ संत कुमार ने बताया कि टीबी मरीजों का सम्पूर्ण इलाज और दवाएं सरकारी अस्पतालों पर उपलब्ध हैं । दो सप्ताह से अधिक खांसी, शाम को बुखार, रात में सोते समय पसीना आना, बलगम में खून आना, वजन घटना, भूख न लगना और सीने में दर्द जैसे लक्षण हों तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पहुंच कर टीबी की जांच जरूर कराएं । टीबी मरीजों को इलाज और दवा के साथ साथ निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपये प्रति माह उपचार चलने तक पोषण के लिए दिये जाते हैं, यह धनराशि उनके खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है ।
रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन विपिन मित्तल ने कहा “क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में भागीदार बनकर हम अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।” उन्होंने क्षय रोगियों से कहा कि जो यह पोषण पोटली दी गई है उसका सेवन खुद ही करें, यह आपको टीबी से जल्द ठीक करने में सहायक होगी। टीबी से ठीक होकर समाज के लोगों को इस रोग से मुक्ति के बारे में जागरूक करें और उन्हें बताएं कि यह रोग लाइलाज नहीं है इससे हम ठीक हुए हैं आप भी ठीक हो सकते हैं, जिससे साल 2025 में सरकार की मंशा के अनुरूप संपूर्ण भारत क्षय रोग से मुक्त हो सके।
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला पीपीएम समन्वयक रविभान सिंह ने कहा कि गोद लिये गये मरीजों को निक्षय पोषण योजना के लाभ के साथ भुना चना, सत्तू, सोयाबीन, गुड़, मूंगफली, बिस्किट आदि खाद्य पदार्थ का एक-एक किग्रा का पैकेट भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को 500 रुपए दिए जा रहे हैं। इस दौरान रेड क्रॉस सोसाइटी से रोहित अग्रवाल, नवनीत पुरवार सहित क्षयरोग केंद्र का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
क्षय रोगी 19 वर्षीय प्रवीणा बताती हैं कि चार महीने पहले उन्हें खांसी और बुखार था। जांच में डॉक्टर ने टीबी रोग होने की बात बताई। अस्पताल से दवा मिली। उनके पिता मजदूरी करते हैं। कभी काम भी नहीं मिल पाता। इसलिए पोषणयुक्त भोजन नहीं कर पाते थे। उन्हें पोषण किट सहित खाद्य सामग्री से बहुत मदद मिली है।