- 303 विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण
- कूड़े से चारकोल बनाने के प्लांट के लिए नगर निगम व एनटीपीसी के बीच हुआ एमओयू
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर को 233.20 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। इस दौरान नगर निगम और एनटीपीसी के मध्य कूड़े से चारकोल बनाने के प्लांट की स्थापना के लिए एमओयू भी हुआ। मुख्यमंत्री ने नगर निगम की 303 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण समारोह एवं एमओयू आदान प्रदान समारोह में कहा कि नगरीय विकास आज की आवश्यकता है। भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए नगरीय विकास की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इससे लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ तो मिलेगा ही, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावना भी बढ़ेगी।
नगर निगम परिसर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने 189 विकास कार्यों का शिलान्यास व 114 विकास कार्यों का लोकार्पण किया। सीएम योगी ने कहा कि स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को साकार करने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की महती भूमिका है। गोरखपुर नगर निगम ने एनटीपीसी के सहयोग से इस दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। एनटीपीसी की तरफ से प्लांट लग जाने के बाद नगर निकायों का कूड़ा चारकोल के रूप में बिजली उत्पादन का साधन बनेगा। गोरखपुर नगर निगम ने नगरीय जीवन को स्वच्छ और सुंदर बनाने के साथ आधुनिक तकनीक से वेस्ट को वेल्थ बनाने की पहल की है। स्मार्ट सिटी बनाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
सीएम ने कहा कि सॉलिड वेस्ट का उचित प्रबंधन न होने से कूड़ा ऐसे ही यहां-वहां फेंक दिया जाता था। शहर के इंट्री पॉइंट पर कूड़े के ढेर के दर्शन होते थे। इससे सिटी के विकास पर पानी फिरता दिखता था। अब ऐसा प्लांट लगने जा रहा है जहां कूड़े से चारकोल, सीएनजी का उत्पादन होगा। एनटीपीसी के इस प्लांट से नगर निगम को 25 सालों में 600 करोड़ रुपये की बचत होगी। बचत के इस रुपये का उपयोग विकास के कार्यों में होगा। 500 टन प्रतिदिन कूड़े की जरूरत वाले इस प्लांट से नगर निगम के साथ ही जिले की तमाम नगर पंचायतों के कूड़े का भी समुचित निस्तारण हो जाएगा। इससे शहर के इंट्री पॉइंट पर कूड़ा नहीं दिखेगा और बाहर से आने वाले लोगों के मन में अच्छा संदेश जाएगा। गोरखपुर साफ और सुंदर दिखेगा तो लोगों के मन में यहां के नागरिकों के प्रति सम्मान का भाव बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि एनटीपीसी नगर निगम और सरकारी भवनों पर सोलर पैनल भी लगवाएगा और इससे सोलर सिटी के रूप में भी गोरखपुर की पहचान सुदृढ़ होगी।
सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर नगरीय विकास के मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है। सड़क, जलनिकासी, स्ट्रीट लाइट जैसे बुनियादी कार्यों के साथ बुजुर्गों के केयर सेंटर बन रहे हैं। मियावाकी पद्धति से एक लाख वर्गमीटर में सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जा रहा है। सुरक्षा के लिए आईसीसीसी के माध्यम से हर चौराहे पर सीसी कैमरे से निगरानी हो रही है। इससे ट्रैफिक ऑटो मोड में चलने के साथ सुरक्षा से कोई खिलवाड़ भी नहीं कर पाएगा। मुख्यमंत्री ने सखाद कारखाना, एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, रामगढ़ताल का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सब गोरखपुर को नई पहचान दे रहे हैं। गोरखपुर की सड़कें चार-छह लेन में विकसित हुई हैं और हो रही हैं। जबकि छह वर्ष पहले यहां लोग जाम में फंसते थे। जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान हो रहा है। उन्होंने सभी नागरिकों को नवरात्र की शुभकामनाएं दीं और विकास की सोच के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।
इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल ने कहा कि सीएम योगी ने गोरखपुर को इंसेफेलाइटिस, माफिया से मुक्त कर विकास के पथ पर अग्रसर किया है। योगी जी के चलते पूरे देश में गोरखपुर की चर्चा है। सीएम योगी के कथनी करनी में कोई अंतर नहीं है। समारोह को विधायक विपिन सिंह ने भी संबोधित किया। महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव व आभार ज्ञापन नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने किया।
नगर निगम के कार्यक्रम के मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में नगर निगम और एनटीपीसी के विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड के बीच चारकोल प्लांट स्थापित करने का एमओयू हुआ। प्लांट एनटीपीसी की तरफ से लगाया जाएगा। नगर निगम की तरफ से नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल तथा एनटीपीसी की तरफ से सीईओ रेनू नारंग ने एमओयू का आदान प्रदान किया। इस एमओयू के अनुसार एनटीपीसी, नगर निगम की तरफ से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सहजनवा के सुथनी में ली गई जमीन पर 255 करोड़ रुपये की लागत से 500 टन प्रतिदिन की क्षमता का चारकोल प्लांट लगाएगा। चारकोल बनाने के लिए कूड़े की व्यवस्था नगर निगम की तरफ से की जाएगी। समारोह के मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईईसी क्रियाकलापों के बुकलेट तथा जीरो वेस्ट त्योहार के पोस्टर का विमोचन किया। सीएम ने शास्त्री चौक से नगर निगम के गार्बेज कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन के वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान सीएम योगी ने नन्हें-मुन्ने बच्चों को अन्नप्राशन कराया।