‘‘पोलियो का खतरा अभी भी, बच्चों को दवा पिलाने से ही होगा बचाव’’



  • उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने एम्स गोरखपुर से किया पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ
  • प्रदेश के पचास जिलों में चलेगा अभियान, सोमवार से घर घर जाएगी स्वास्थ्य विभाग की टीम


गोरखपुर - इजरायल में वर्ष 1989 के बाद वर्ष 2022 में पोलियो के केस पाए गए हैं। मोजाम्बिक में इसी साल पोलियो के मामले रिपोर्ट हुए हैं। ऐसी स्थिति में  देश के अन्य बारह राज्यों के साथ साथ प्रदेश के 50 जिलों में भी रविवार से पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत की गयी है। गोरखपुर जिले से इस अभियान का शुभारंभ प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बृजेश पाठक ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के मॉडल टीकाकरण केंद्र से किया । उन्होंने पांच माह की बच्ची शैरिल को ड्रॉप पिला कर अभियान की शुरूआत की। पहले दिन पूरे प्रदेश में बूथ दिवस मनाया गया । गोरखपुर जिले में  2148 बूथ के जरिये शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो से बचाव की दवा पिलाई गयी। सोमवार से स्वास्थ्य विभाग की टीम 15 दिसम्बर तक घर घर जाकर दवा पिलाएंगी । उप मुख्यमंत्री ने सूर्यांश, मिसिका और ऋषी को भी अपने हाथों से पोलियो का ड्रॉप पिलाया ।

उप मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि लोग आगे आकर बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाएं । उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी पोलियो के केस निकले हैं । इसे देखते हुए प्रदेश में भी अभियान शुरू किया गया है। गोरखपुर जिले के अभियान के बारे में भी उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जनपद स्तरीय अभियान के बारे में बताया कि 1494 टीम सोमवार से 15 दिसम्बर तक घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। कुल 8.80 लाख घरों तक पहुंच कर दवा पिलाई जाएगी। जो बच्चे छूट जाएंगे उन्हें 17 दिसम्बर को बी टीम दवा पिलाएगी । इस बार 6.47 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है।