हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ज़ोर, घर के पास होने लगा उपचार-प्रदेश में तीन हजार से अधिक केन्द्रों पर काम शुरू



  • मार्च 2020 तक 5500 केन्द्रों पर मिलेंगी सुविधाएं

लखनऊ, 23 दिसम्बर-2019 । घर के नजदीक ही मुफ्त में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने पर सरकार का पूरा ज़ोर है। घर से 30 मिनट की पैदल दूरी पर सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें, इसी सोच के साथ ही स्वास्थ्य उप केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा रहा है। प्रदेश के 3000 से अधिक केन्द्रों पर इसके तहत स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी शुरू हो गयी हैं और मार्च 2020 तक 5500 से अधिक केन्द्रों पर यह स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों को घर के करीब मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं, जैसे- मुफ्त दवा व मुफ्त जांच की सुविधाएं मिल पाएँगी जिससे उनके बाहरी खर्च कम होंगे।

सेवाओं को लेकर गहन मंथन : सेवाओं का लाभ सही मायने में समुदाय तक पहुंचाने को लेकर गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने अभी हाल ही में स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्था जपाईगो के साथ गहन विचार मंथन किया। स्वास्थ्य मंत्री ने साफ तौर पर कहा- जनता की सच्ची सेवा यही है कि उन्हें समय पर उचित इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाये। इस दिशा में आयुष्मान भारत - हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मील का पत्थर साबित होंगे। जरूरत इस बात की है कि केन्द्रों पर वह सारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएँ जिनकी एक आम नागरिक को जरूरत होती है ताकि लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में जाकर अपना पैसा न खर्च करना पड़े। स्वास्थ्य मंत्री ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को लेकर बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग की तारीफ भी की। फाउंडेशन के प्रतिनिधि डॉ॰ देवेन्द्र खंडैत ने कहा- सरकार की यह योजना बहुत ही कम समय में एक जनांदोलन का रूप ले चुकी है। इसके जरिये अब गैर संचारी रोगों पर काबू पाने में बड़ी सफलता मिलेगी। योजना के टेक्निकल पार्टनर जपाईगो के प्रतिनिधि संजय त्रिपाठी ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की कार्य प्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला।

लापरवाही बर्दाश्त नहीं : प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी ने कहा- सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में मुस्तैदी दिखाएँ। इस दिशा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस योजना में उत्तर प्रदेश को हमें पहले स्थान पर लाना है जो कि सभी के प्रयास से ही संभव है। इसके लिए जरूरी है कि रिपोर्टिंग की व्यवस्था दुरुस्त की जाये और पोर्टल पर आंकड़ों को सही तरीके से दर्ज किया जाये।

केन्द्रों पर सीएचओ की तैनाती : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि केन्द्रों पर गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग के साथ ही जांच की सुविधा शुरू हो चुकी है। जरूरी दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं, कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) की तैनाती की गयी है। केन्द्रों पर योगा की भी व्यवस्था की गयी है, क्योंकि कई बीमारियों को दूर भगाने में यह बहुत ही कारगर है।

अस्पतालों का लोड होगा कम : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ॰ पदमाकर सिंह और महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ॰ उमाकांत ने भी इस महत्वाकांक्षी योजना को परवान चढ़ाने में सभी का सहयोग मांगा है। उनका मानना है कि इस योजना के पूरी तरह से शुरू हो जाने से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पतालों पर आने वाले मरीज कम होंगे, जिससे सभी को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।

आशा बनाएँगी फेमिली हेल्थ फोल्डर : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबन्धक कम्यूनिटी प्रोसेस डॉ॰ राजेश झा का कहना है- आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सभी परिवारों के लिए एक फेमिली हेल्थ फोल्डर विकसित किया जा रहा है और 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी स्त्री-पुरुष का सीबैक, कम्यूनिटी बेस्ड असेसमेंट चेक लिस्ट, फार्म के द्वारा गैर संचारी रोगों हेतु रिस्क असेसमेंट कराया जाएगा।   

उप केन्द्रों पर मिलने वाली सेवाएँ : गर्भावस्था एवं शिशु जन्म देखभाल, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, बाल एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवाएँ और अन्य प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल, संचारी रोगों का प्रबंधन, गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, रेफरल एवं फालोअप की व्यवस्था।

जांच सुविधाएं :  प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थापित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर हीमोग्लोबिन, टीएलसी-डीएलसी, पेरिफेरल स्मेयर, ब्लड, गर्भ की जांच, अलबोमिन एवं ग्लूकोज की जांच, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, चिकनगुनिया, बलगम की जांच, टाइफाइड टेस्ट, कालाजार, हेपेटाइटिस आदि की जांच की सुविधा की गयी है।

दवाओं का प्रबन्ध : केन्द्रों पर जरूरी दवाओं के प्रबंध कराये गए हैं ताकि प्राथमिक उपचार के लिए लोगों को अपना कीमती समय और पैसा न बर्बाद करना पड़े। इसके लिए उप केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए दवाओं की अलग-अलग सूची तैयार की गयी है।