स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को परखने के लिए शुरू हुई रैंकिंग प्रणाली का असर-जगदीशपुर, भादर व तिलोई ने पेश की मिसाल



  • सेवाओं में सुधार लाने व निगरानी के उद्देश्य से शुरू हुई यह प्रणाली
  • परस्पर प्रतिस्पर्धा से बेहतर होगी ब्लाक की स्वास्थ्य व्यवस्था

अमेठी, 15 जनवरी -2020- सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अमेठी जिले की स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को परखने के लिए उत्कर्ष स्वास्थ्य व पोषण रैंकिंग की शुरुआत की गयी है। दिसम्बर माह में जिले के सभी विकास खंडों (ब्लाक) की स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को इसके तहत परखा गया, जिसमें जगदीशपुर ब्लाक लगातार दूसरी बार सर्वोच्च स्थान पर रहा। भादर व तिलोई क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे। ज्ञात हो कि इस रैंकिंग की शुरुआत नवम्बर 2019 से हुई थी। नवम्बर माह में भादर व मुसाफिरखाना क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर थे। नवम्बर माह की रैंकिंग में चौथे स्थान पर रहे तिलोई ने इस बार बेहतर प्रदर्शन कर एक रैंक ऊपर आकर तीसरे पायदान पर पहुँच गया है। इसके साथ ही अब हर महीने ब्लाक की रैंकिंग जारी की जाएगी।

जिलाधिकारी अरुण कुमार ने मंगलवार की देर शाम जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में इसकी घोषणा की और कहा कि इससे अन्य ब्लाक भी अब अपने यहाँ स्वास्थ्य सेवाओं को चाक-चौबन्द करेंगे ताकि उनको भी सम्मानित होने का मौका मिल सके। जिलाधिकारी ने कहा है कि इसके साथ ही अब तिमाही समीक्षा के आधार पर सर्वोच्च स्थान पर रहने वाले ब्लाक को ट्राफ़ी भी प्रदान की जाएगी। इससे सभी ब्लाक बेहतर करने की कोशिश करेंगे ताकि वह भी अपने ब्लाक का नाम रोशन कर सकें।

दिसम्बर माह में स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं के प्रमुख संकेतकों के आधार पर जगदीशपुर ब्लाक को 46.1 फीसद, भादर को 43.1, तिलोई को 40.7, अमेठी को 39.3, बाज़ार शुकुल को 38.3, शाहगढ़ को 37.7, मुसाफिरखाना को 35.7, फुरसतगंज को 35.4, जामो को 35, भेटुआ को 33.9, गौरीगंज को 33.6, सिंहपुर को 29.4 और संग्रामपुर को 25.2 फीसद अंक मिले। (ज्ञात हो कि अभी यह अंक 75 फीसद पर तय किए गए हैं, अन्य सेवाओं के जुड़ जाने पर इसका मूल्यांकन 100 फीसद पर होगा)

स्वास्थ्य सेवाओं को करेंगे और बेहतर :
     नवम्बर और दिसम्बर माह में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बेहतर काम करने वाले जगदीशपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ एम॰ के॰ त्रिपाठी का कहना है कि उनका भरसक प्रयास होता है कि दूरदराज से इलाज की उम्मीद से आने वाले हर मरीज को ओपीडी की सुविधा के साथ, जांच और समुचित इलाज मिल सके। रैंकिंग की शुरुआत के साथ ही अब हर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि वह भी अपने केंद्र की व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करेंगे ताकि रैंकिंग में शत-प्रतिशत अंक हासिल हो सके। इस तरह अब सभी एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में अपने यहाँ सेवाओं को बेहतर करने में पूरी तरह से जुट गए हैं।

30 स्वास्थ्य संकेतकों पर परखी जा रहीं सेवाएँ :
    रैंकिंग तैयार करने के लिए प्रजनन, मातृ, नवजात व शिशु स्वास्थ्य के साथ ही संचारी व गैर संचारी रोगों के अलावा पोषण से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को परखा जाएगा। इसके तहत प्रमुख 30 संकेतकों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसमें जो प्रमुख हैं, वह हैं- बाल व स्वास्थ्य मृत्यु दर की रिपोर्टिंग, प्रसव पूर्व जांच के रजिस्ट्रेशन की रिपोर्टिंग, पूर्ण प्रतिरक्षण, डायरिया-निमोनिया केसों की रिपोर्टिंग, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत लक्ष्य के सापेक्ष पंजीकरण, चिकित्सकों की उपस्थिति, दवा की उपलब्धता, जांच की सुविधा आदि। इसके लिए अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा संस्थागत प्रसव, पहली तिमाही में प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन पर किए गए कार्य, मलेरिया, टीबी, हायपरटेंशन व डायबिटीज़ को लेकर किए गए कार्यों पर भी अंक निर्धारित हैं। इसमें मिले अंकों के आधार पर ब्लाक की रैंकिंग तैयार की गयी है।

जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में अमेठी को मॉडल जिला बनाने के पाँच वादे :
    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ आर॰ एम॰ श्रीवास्तव का कहना है कि, उनका भरसक प्रयास है कि जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में अमेठी को मॉडल जिला बनाया जाए, जिसके लिए वह पाँच प्रमुख वादों पर काम कर रहे हैं। इसमें पहला वादा है कि प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पूरे समय स्टाफ की उपलब्धता रहे। दूसरा वादा है- जीवन शैली संबन्धित बीमारियों का सफल प्रबंधन, इसके तहत समुदाय आधारित स्क्रीनिंग, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की व्यवस्था को सुदृढ़ करना, पेशेंट एप तैयार करना आदि। तीसरा वादा है- एक घंटे में आपातकालीन सेवाओं व विशेषज्ञ सुविधाएं प्रदान करना। चौथा वादा है- जिला स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं को और पुख्ता बनाना । पाँचवाँ वादा -आयुष्मान योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलाना।