वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट लोकमंगल की भावनाओं के साथ प्रभु श्रीराम को समर्पित- मुख्यमंत्री



  • आस्था, अन्त्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित 07 लाख 36 हजार 437 करोड़ रु से अधिक का यह बजट अब तक का प्रदेश का सबसे बड़ा बजट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु श्रीराम लोकमंगल के पर्याय हैं। प्रदेश का वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट लोकमंगल की भावनाओं के साथ प्रभु श्रीराम को समर्पित किया गया है। ‘जेहि महुँ आदि मध्य अवसाना। प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना’- बजट की शुरुआत, मध्य और अन्त में प्रभु श्रीराम हैं । लोकमंगल की अवधारणा पर आधारित यह बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का एक आर्थिक दस्तावेज है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट का आकार 07 लाख 36 हजार 437 करोड़ रुपये से अधिक का है। यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। वर्ष 2023-24 की तुलना में इस वर्ष बजट में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री आज यहां विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्तुत होने के उपरान्त विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बजट आस्था, अन्त्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित है। बजट में बढ़ोत्तरी डबल इंजन सरकार की प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के विजन के प्रति प्रतिबद्धता को प्रस्तुत करती है। यह बजट उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन तथा 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की प्रधानमंत्री की संकल्पना का प्रतिनिधित्व करता है। विगत 07 वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने में सफलता प्राप्त हुई है। आज उत्तर प्रदेश देश की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उत्सव, उद्योग और उम्मीद, यही है, नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर।

मुख्यमंत्री  योगी ने कहा कि वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज अपना पांचवां बजट प्रस्तुत किया। प्रदेश सरकार का यह आठवां बजट है। प्रत्येक बजट प्रदेश के लोकमंगल के लिए किसी थीम के साथ प्रस्तुत किया गया है। प्रदेश सरकार का वर्ष 2017-18 का बजट अन्नदाता किसानों को तथा वर्ष 2018-19 का बजट प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा औद्योगिक विकास को समर्पित था। वर्ष 2019-20 का बजट मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ाते हुए महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित किया गया था। वर्ष 2020-21 का बजट प्रदेश की युवा ऊर्जा को समर्पित था। वर्ष 2021-22 का बजट स्वावलम्बन से शक्तिकरण के अभियान को समर्पित था। वर्ष 2022-23 का बजट अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता का बजट था। वर्ष 2023-24 का बजट त्वरित एवं सर्वसमावेशी विकास को समर्पित किया गया। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024-25 के बजट के लिए वित्त मंत्री, अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार तथा प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बजट में पहली बार कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 02 लाख 03 हजार 782 करोड़ 38 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि अवसंरचना पर धनराशि व्यय करने से रोजगार का सृजन होता है तथा अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होती है। प्रदेश सरकार प्रारम्भ से ही समग्र विकास की अवधारणा पर कार्य करती रही है। परिणामस्वरूप प्रदेश सरकार राज्य के बजट का दायरा बढ़ाने में सफल हुई है। वर्ष 2016-17 में 12-12.50 लाख करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2024-25 में प्रदेश की जी0डी0पी0 25 लाख करोड़ रुपये हो गई है। प्रदेश की जी0डी0पी0 में दोगुने से अधिक वृद्धि करने में सफलता प्राप्त हुई है। इस दौरान प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भी दोगुना हुई है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठे स्थान पर थी। आज प्रदेश देश की नम्बर दो की अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह सफलता इसलिए प्राप्त हुई, क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा कर चोरी व रेवेन्यू लीकेज रोकने के लिए अनेक उपाय तथा रिफाॅर्म किए गए हैं। परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश एक रिवेन्यू सरप्लस स्टेट बना है। बिना कोई अतिरिक्त कर लगाए तथा कॉमन मैन को लोक कल्याणकारी योजनाओं के साथ जोड़ते हुए विगत सात वर्षों में प्रदेश के राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार को राजकोषीय घाटा नियंत्रित करने में भी सफलता प्राप्त हुई है। प्रदेश का राजकोषीय घाटा 3.46 प्रतिशत है, जो रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है। जहां एक ओर प्रदेश सरकार का विजन सुरक्षा, विकास और सुशासन है, वहीं बजट में राजकोषीय अनुशासन भी निहित है। राज्य सरकार ने प्रदेश का विकास किया है, लोगों को सुरक्षा प्रदान की है तथा सुशासन के लक्ष्यों को भी प्राप्त किया है। साथ ही, बजट में राजकोषीय संतुलन तथा अनुशासन बनाए रखने के लिए पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी से कार्य भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विगत 07 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। वर्ष 2016-17 में बेरोजगारी दर 19.2 प्रतिशत से अधिक थी। आज यह घटकर लगभग 2.4 प्रतिशत हो गयी है। रोजगार के नए अवसर सृजित किए गए हैं। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के नए वातावरण का सृजन तथा एमएसएमई इकाइयों को पुनर्जीवित किया गया है। प्रदेश को ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं ने राष्ट्रीय फलक पर नई पहचान दिलाई है। प्रदेश का ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशियो) 44 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि प्रदेश इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा गरीब कल्याण, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के उज्ज्वल भविष्य तथा अन्नदाता किसानों की समृद्धि पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में 24,863 करोड़ 57 लाख रुपये लागत की नई योजनाएं सम्मिलित की गयी हैं। राज्य सरकार युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ प्रारम्भ करने जा रही है। प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने, नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना तथा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने के उद्देश्य यह नई पहल की जा रही है। योजना के अन्तर्गत नए उद्यमियों को अधिकतम 05 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। प्रदेश में ‘रोजगार प्रोत्साहन कोष’ के गठन की कार्यवाही के अन्तर्गत ट्रेनिंग, इण्टर्नशिप तथा अप्रेंटिसशिप को वित्त पोषण के साथ जोड़ा जाएगा। जनपद वाराणसी में राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान की स्थापना, 02 मेगा राजकीय आईटीआई की स्थापना तथा 69 आईटीआई के उन्नयन का प्रस्ताव भी इस बजट के साथ जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्पोट्र्स साइंस एण्ड इंजीनियरिंग सेंटर की स्थापना की कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है। बजट में ‘वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष’ की स्थापना तथा 22 हजार से अधिक मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में अपग्रेड किया जाना प्रस्तावित है। प्रदेश में बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाने का प्राविधान किया गया है। प्रदेश में 46 वर्षों के पश्चात कानपुर और झांसी के बीच ऐसा पहला नया औद्योगिक शहर प्रस्तावित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फॉच्र्यून 500 कम्पनियों के लिए एफडीआई पॉलिसी के क्रियान्वयन हेतु धनराशि की व्यवस्था की गई है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्रवाई को इस बजट में प्राथमिकता दी गई है। नवाचार और अनुसंधान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, स्टेट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में प्राविधान किया गया है। आईआईटी, कानपुर में मेडिकल रिसर्च एण्ड टेक्नोलॉजी स्कूल तथा 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना की कार्रवाई को इस बजट में स्थान दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन, नैमिषारण्य, विंध्यवासिनी धाम, देवीपाटन, नाथ काॅरिडोर (बरेली) में थीम आधारित अवस्थापना विकास की कार्रवाई को आगे बढ़ाने का प्राविधान बजट में किया गया है। प्रयागराज महाकुम्भ के सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने के साथ-साथ कुम्भ संग्रहालय की स्थापना तथा विभिन्न विकास कार्यों हेतु बजट का प्राविधान किया गया है। श्रृंगवेरपुर में निषाद राज गुह्य सांस्कृतिक केंद्र तथा आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय और चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। जनपद अयोध्या में अन्तरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की स्थापना के लिए भी बजट का प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि प्राथमिक क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। प्रदेश की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है। अन्नदाता किसानों के लिए ‘मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना’ तथा ‘राज्य कृषि विकास योजना’ प्रस्तावित की गई है। प्रदेश के निजी नलकूपों से जुड़े किसानों को निःशुल्क बिजली उपलब्ध कराने तथा फसलों पर ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव न्यूनतम करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन तथा ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना के लिए बजट में प्राविधान किया है। यह अन्नदाता किसानों तथा बागवानों के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित होगा। नेचुरल एण्ड ऑर्गेनिक कल्चर लैब, टिश्यू लैब तथा एग्री टूरिज्म सेण्टर स्थापना की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए बजट में प्राविधान किया गया है। बजट में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए भी पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष प्रदेश के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। 24 जनवरी, 1950 को उत्तर प्रदेश के रूप में नामकरण का नोटिफिकेशन हुआ था। यह वर्ष उसका अमृतकाल है। अमृत काल में प्रदेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में यह बजट महत्वपूर्ण है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई प्रदान करेगा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर बनाए जाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाने में यह बजट मील का पत्थर साबित होगा।