कुण्डी खटकाकर और बूथ लगाकर खिलाई जा रही फाइलेरिया से बचाव की दवा



लखनऊ - जनपद में 10 फरवरी से फाइलेरियारोधी दवा का सेवन  सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान  के तहत कराया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरियारोधी दवा एल्बेंडाजोल, डाईइथाईल कार्बामजीन(डीईसी) और आइवरमेक्टिन खिला रही हैं।

राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. गोपीलाल ने बताया कि आईडीए अभियान के तहत  मंगलवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कार्यालय, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, नारी शिक्षा निकेतन, जिला कलेक्ट्रेट, इकाना फंड स्कूल, अशोक मार्ग स्थित अशोका अपार्टमेंट, सदर अस्पताल, एसडीआरएफ हेडक्वार्टर और  गुडम्बा क्षेत्र के ईंट भट्टों पर बूथ लगाकर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराया गया | लोगों ने अभियान  में प्रतिभाग करते हुए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि दवा सेवन के साथ-साथ विद्यालयों में, पंचायत भवनों में और राशन की दुकानों पर स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) व पीसीआई लोगों को दवा सेवन के प्रति जागरूक कर रही है  तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन और पाथ संस्था तकनीक सहयोग कर रही हैं।

इसके साथ ही जनपद के पाँच ब्लॉक में पेशेंट नेटवर्क के सदस्य लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।   
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जरूरी है कि सभी लोग फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें। कोई भी फाइलेरियारोधी दवा खाने से वंचित न रह जाए क्योंकि फाइलेरिया संक्रामक बीमारी है जो कि मच्छर के काटने से होती है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी का केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है। यह व्यक्ति को शारीरिक रूप से कमजोर बना देती है। इसलिए मेरी सभी से अपील है कि जब भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता फाइलेरियारोधी दवा खिलाने आएं अवश्य खाएं। कोई आना कानी न करें। जनपद को फाइलेरियामुक्त बनाने में सहयोग करें।