- मंडल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी और सहयोगी संस्थाएं हुईं सम्मानित
गोरखपुर । मातृ शिशु स्वास्थ्य में परिवार नियोजन की अहम भूमिका है । इसे अपना कर मातृ शिशु मृत्यु दर और कुपोषण के स्तर को कम किया जा सकता है । यह बातें अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ आईबी विश्वकर्मा ने कहीं । वह मंडल में परिवार नियोजन कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे ।
एडी हेल्थ ने कहा कि पहला बच्चा होने के बाद तुरंत गर्भधारण मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य एवं पोषण के दृष्टिकोण से उचित नहीं है । इस स्थिति से बचने के लिए दंपति को प्रेरित कर परिवार नियोजन का मनपसंद साधन उन्हें उपलब्ध करवाना चाहिए । अस्थायी साधन जैसे कंडोम, छाया, माला एन, ईमर्जेंसी पिल्स आदि की उपलब्धता सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से भी सुनिश्चित कराई जा रही है । नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी की सुविधा इच्छुक दंपति प्राप्त कर सकते हैं । परिवार पूरा होने पर नसबंदी का विकल्प चुना जा सकता है । इस कार्य में आशा कार्यकर्ता मददगार होती हैं । समुदाय में यह संदेश दिया जाना चाहिए कि प्रसव पश्चात महिला नसबंदी श्रेयस्कर है और महिला नसबंदी की तुलना में पुरूष नसबंदी सरल और सुरक्षित है ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मंडलीय प्रबन्धक अरविंद पांडेय ने कहा कि जिलों में भी इस प्रकार के आयोजन कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मी सम्मानित किये जाएंगे । इस मौके पर मंडलीय फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर अवनीश चंद्र, क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ जसवंत मल्ल, मंडलीय टीम से डॉ राजीव रंजन, डॉ प्रीति सिंह और जावेद आदि ने विशेष सहयोग दिया ।
इन्हें मिला सम्मान : इस अवसर पर एसीएमओ परिवार कल्याण डॉ एके चौधरी, डॉ संजय गुप्ता, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सर्जन डॉ रामनवल, डॉ शिवमुनि राम, डॉ एए खान, डॉ विरेंद्र कुमार, डॉ धनंजय कुमार, डॉ मसूद आलम, डॉ अजय शाही, डॉ अनूप कुमार, डॉ अरूण कुमार गुप्ता, चीफ फार्माशिस्ट रंजीत कुमार राय, अनिल राव, मिथिलेश शाही, एआरओ एसएन शुक्ला, विनोद कुमार शाह, आनंद श्रीवास्तव, डीईओ दिनेश सिंह, राजहंस पांडेय, विनोद कुमार, कमलेश यादव, स्टॉफ नर्स प्रीति राय, ममता चौहान, रीता मौर्या, परिवार नियोजन काउंसलर प्रतिमा त्रिपाठी, आशा कार्यकर्ता मिथिलेश सिंह, लखपाती देवी, राजकुमारी देवी, मीना कुशवाहा, सुनीता देवी, खुशबू बेगम, रमावती देवी, सावित्री, सहयोगी संस्था यूपीटीएसयू के सभी जिलों के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ, पीएसआई इंडिया संस्था से केवल सिंह और प्रियंका सिंह, हौसला साझेदारी के सहयोगी सूर्या क्लिनिक से विशाल चतुर्वेदी, कृष्णा हॉस्पिटल से डॉ संजय और निजी सर्विस प्रोवाइडर डॉ बुशरा लारी फातिमा और सभी जिलों के फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर्स को सम्मानित किया गया ।
मंडलीय स्तरीय अधिकारी हुए सम्मानित : कार्यक्रम में मंडल स्तर की सहयोगी बीआरडी मेडिकल कॉलेज की डॉ रूमा सरकार, संयुक्त निदेशक डॉ बीएम राव, डॉ एके गर्ग, मंडलीय एनएचएम प्रबन्धक अरविंद पांडेय, कीट विज्ञानी डॉ वीके श्रीवास्तव, एडी ऑफिस से जुड़े विनय तिवारी, अशोक रजक, पंकज अग्रहरि, डीपी सिंह, लॉजिस्टिक मैनेजर अवनीश चंद्र, कम्युनिटी मैनेजर डॉ राजीव रंजन, एनयूएचएम समन्वयक डॉ प्रीति सिंह, डॉ जसवंत मल्ल, डॉ कुसुम भारती, एमआई हसन, आरपी मिश्रा, धीरज मसीह, गीता त्रिवेदी, शैलेन्द्र यादव, पुनीता श्रीवास्तव, वीर बहादुर गुप्ता और सभी सहयोगी स्टॉफ को सम्मानित किया गया । सहयोगी संस्था यूनिसेफ से संदीप श्रीवास्तव, बृजेंद्र चौबे, डब्ल्यूएचओ से मुनेंद्र शर्मा, जपाइगो से नीलम, सीएचएआई से दिलीप गोबिंद राव, आईपास से श्रीप्रकाश, यूपीटीएसयू से डॉ प्रहलाद, यूएनडीपी से राजीव रंजन, न्यूट्रिशन इंटरनेशनल से नीतिश राय, एवीडेंस एक्शन और सीफार संस्था के प्रतिनिधिगण एवं अरमान मोबाइल एकेडमी के जितेंद्र कुमार को भी सम्मान दिया गया ।
इन टीम को मिला सम्मान : गोरखपुर और बस्ती मंडल के सभी जिलों की जिला कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई और शहरी स्वास्थ्य मिशन इकाई की पूरी टीम के साथ साथ पिपराईच, जगंल कौड़िया, चरगांवा, भाटपार रानी, सलेमपुर, भागलपुर, देसही देवरिया, सिसवां, लक्ष्मीपुर, रतनपुर, बृजमनगंज, मिठौरा और निचलौल ब्लॉक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक और ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर को भी आयोजन के दौरान सम्मानित किया गया ।
उच्चाधिकारियों के सहयोग से हुआ संभव : मंडल में सर्वाधिक पुरूष नसबंदी करवाने वाली पिपराईच ब्लॉक की आशा कार्यकर्ता लखपाती देवी ने सम्मान पाने के बाद बताया कि यह कार्य उच्चाधिकारियों से विशेष सहयोग के कारण संभव हो सका । वह जब भी कोई लाभार्थी लेकर अस्पताल आती हैं तो उसे प्रेरित करने में अधीक्षक डॉ मणि शेखर, बीपीएम प्रशांत, बीसीपीएम विमलेश और फैमिली प्लानिंग काउंसलर रीना टीम भावना से योगदान देते हैं । यही वजह है कि वह पुरूष नसबंदी करवाने में सफलता प्राप्त कर सकीं ।