मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए गर्भावस्था के खतरों का प्रबंधन जरूरी



  • प्रसव पूर्व सभी जांचों के महत्व को समझना जरूरी - सीएमओ
  • गर्भावस्था नहीं है कोई बीमारी, फिर भी इस दौरान गर्भवती रहें सतर्क
  • सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस

कानपुर नगर । गर्भावस्था कोई बीमारी नहीं है, फिर भी इस दौरान गर्भवती को सबसे ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है। गर्भावस्था को हल्के में लेना मातृ और शिशु की जान जोखिम में डाल सकता है। इस जोख़िम को कम करने में प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच बहुत अहम भूमिका निभाती है। गर्भवती और उनके परिजनों को प्रसव पूर्व सभी जांचों के महत्व को समझना चाहिए। इससे प्रसव के समय होने वाले खतरों के बारे में तो पता चलता ही है, साथ ही समय रहते चिकित्सकों व परिवार के सदस्यों के द्वारा इन खतरों का निराकरण किया जा सकता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा॰ आलोक रंजन  का।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा॰ रमित रस्तोगी ने बताया कि गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान चार बार सम्पूर्ण जांच कराना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि जच्चा-बच्चा की सुरक्षा व सुरक्षित प्रसव के साथ शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस मनाया जा रहा है। पीएमएसएमए दिवस में डिजिटलीकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

प्रसव पूर्व जांच का महत्व समझें परिवार : जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. रूचि जैन का कहना है कि प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के महत्व को गर्भवती और उनके परिजनों को समझना जरूरी है। गर्भवती होने की पुष्टि के बाद महिला को संबन्धित केंद्र पर अपना रजिस्ट्रेशन कराकर पहली एएनसी जरूर करानी चाहिए। इस समय उसको पहला टीटी का टीका भी लगता है। वही चार-पांच माह में दूसरी सम्पूर्ण जांच जरूर कराये और प्रसव के पहले सात-आठ माह में तीसरी सम्पूर्ण जांच जरूर कराये।  इन जाँचों के जरिये गर्भावस्था के ख़तरे जैसे खून की कमी होना, मधुमेह की शिकायत, बच्चे की स्थिति के बारें में पता चलता है, जिसका समय रहते निस्तारण करना जरूरी है। वही अंतिम जांच में पता चल जाता है कि बच्चा सामान्य होगा या ऑपरेशन से, जिससे कि परिवार वाले पहले से ही प्रसव केंद्र चयनित कर लें, ताकि प्रसव के समय किसी प्रकार की समस्या न हो।

एक, नौ, 16 व 24 तारीख को मनाया जाता है पीएमएसएमए दिवस, गर्भवती  जरूर कराएं जांच : जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता हरिशंकर मिश्रा बताते हैं कि सभी गर्भवती को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल सुनिश्चित कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत प्रत्येक माह की एक, नौ, 16 व 24  तारीख को गर्भवती की पूर्ण जाँच की जाती है। इसी क्रम में शुक्रवार को जनपद के समस्त ग्रामीण व शहर स्तरीय सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ विभिन्न चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया। इस दौरान केंद्र पर आई गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच की सेवाएँ दी गईं। साथ ही योजना से जुड़े जिले के निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गर्भवती को अल्ट्रासाउंड की सेवा ई-रुपी वाउचर के माध्यम से मिली। स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अल्ट्रासाउंड के लिए कुल 84 ई-रुपी बाउचर जनरेट कर स्वास्थ्य केन्द्रों को प्रदान किए गए।

सरकारी केन्द्रों पर पिछले दस माह में 30 हजार से अधिक हुए प्रसव : स्वास्थ्य विभाग से मिले आकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 तक कुल 48539 प्रसव जनपद में हुए हैं, जिनमें 30914  प्रसव सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर हुए हैं।