- विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उ0प्र0 के ऐतिहासिक स्थलों को नये सिरे से सजाया एवं संवारा जा रहा है-जयवीर सिंह
लखनऊ। पर्यटन विभाग द्वारा लखीमपुर स्थित गोला गोकर्णनाथ के पौराणिक शिव मंदिर परिसर में 15 करोड़ रुपये की लागत से मंदिर का सौन्दर्यीकरण एवं यात्री सुविधाओं का विस्तार तथा लाइट एण्ड साउण्ड शो की व्यवस्था की जायेगी। पर्यटन विभाग धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी प्राचीन मंदिरों को संवारने एवं सजाने का कार्य कर रहा है। पर्यटन सेक्टर में धार्मिक पर्यटन तेजी से उभर रहा है। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को रोजी-रोटी मिलने के साथ ही हास्पिटेलिटी सेक्टर को भी रोजगार मिल रहा है। लखीमपुर का गोला गोकर्णनाथ मंदिर अति प्राचीन धरोहर है। सालभर श्रद्धालु यहां दर्शन पूजन के लिए आते रहते हैं। इस दृष्टिकोण से बुनियादी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की जा रही है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में लाइट एण्ड शो के माध्यम से श्रद्धालुओं को यहां की पौराणिक मान्यताओं, परम्पराओं तथा मंदिर की महत्ता के बारे में जानकारी दी जायेगी। इसके साथ ही मंदिर से जुड़े इतिहास एवं अध्यात्म के बारे में भी बताया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। सावन के महीने और अन्य दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा बढ़ जाती है। इस प्राचीन शिव मंदिर को छोटा काशी भी कहा जाता है। श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन सुविधाओं का सतत विकास किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्राप्त हो सके। गोला गोकर्णनाथ स्थित शिव मंदिर की पौराणिक मान्यता है। यहां श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। हमारा प्रयास है कि यहां आने वाले पर्यटक सुखद स्मृति लेकर लौटें।
उन्होंने बताया कि काशी, प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा तथा गोला गोकर्णनाथ के प्रति लोगों की अगाध आस्था है। श्रद्धालु एवं पर्यटक आस्था के प्रतीक इन धार्मिक स्थलों पर पधारकर सुख एवं शांति की कामना करते हैं। पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन सेक्टर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है। पर्यटन सेक्टर का देश की जीडीपी में अहम योगदान है। उ.प्र. धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में पहले स्थान पर बना हुआ है। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर बन जाने से उ.प्र. पूरी दुनिया के मानचित्र पर स्थान बना रहा है। यहां पर देशी एवं विदेशी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस प्रकार देखा जाए तो धार्मिक पर्यटन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है। राज्य सरकार विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अवस्थापना सुविधाओं का लगातार विस्तार कर रही है।